नई दिल्ली। सरकार को चालू खाते के घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए निर्यात बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। आयात पर अंकुश लगाने से इसमें ज्यादा मदद मिलने की संभावना नहीं है। निर्यातकों की संस्था फियो ने शनिवार को यह कहा। भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो के अध्यक्ष गणेश गुप्ता ने कहा कि सरकार को बढ़ते चालू खाते के घाटे (कैड) और रुपए में गिरावट से निपटने के लिए आयात पर अंकुश नहीं लगाना चाहिए। गणेश गुप्ता ने कहा यदि हम संरक्षणवाद को अपनाने वाले देशों की जमात में शामिल नहीं होते हैं तो मैं नहीं समझता हूं कि हमें आयात पर अंकुश लगाने चाहिए।
उम्मीद है कि इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सामने कैड का 2.5 प्रतिशत पर होना चिंता की बात नहीं है। 3 फीसदी से नीचे रहने पर परेशानी वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा हमारे पास विदेशी मुद्रा का उपयुक्त भंडार है जो कि 10 महीने के आयात के लिए काफी है। सरकार ने गिरते रुपए और बढ़ते कैड को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को कई कदमों की घोषणा की है।
फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सरकार को निर्यातकों के लिए जल्द ही नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को गैर-जरूरी उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाना ही है तो उसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामानों, रेफ्रिजरेटर, घड़ियों, सोना और महंगे जूते और कपड़ों पर यह अंकुश लगाने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, व्यापार निर्यातकों ने सोने जैसी वस्तु पर आयात प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि इस तरह के कदमों से व्यापार घाटा कम करने में कोई मदद नहीं मिलेगी।