नई दिल्ली। अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में कमी आने के बावजूद विदेशी बाजार में गुरुवार को कच्चे तेल के दाम में थोड़ी नरमी आई। मगर भारत में एक बार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हो गई। तेल बाजार के जानकारों के मुताबिक तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक द्वारा अगले साल तेल की मांग कमजोर रहने की आशंका जताने के चलते कीमतों में नरमी आई है, मगर यह नरमी जारी रहने की संभावना कम है।
जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी या नरमी का असर पेट्रोल या डीजल की कीमतों पर करीब दो सप्ताह बाद दिखता है। कच्चा तेल बुधवार को मई के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर चला गया था, जो आगे आपूर्ति कम रहने की संभावनाओं से प्रेरित था। ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के अनुसार, वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल रहने के कारण ओपेक की ओर से आशंका जताई गई है कि अगले साल तेल की मांग कम रह सकती है इसलिए कीमतों में थोड़ी कमजोरी आई है।