नई दिल्ली। सरकार ने पेट्रोल में मिलाने के लिए एथेनॉल की कीमत करीब 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले चीनी के भारी स्टॉक की समस्या को निपटाने और किसानों का बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पूरी तरह गन्ने के रस से बने एथेनॉल का खरीद मूल्य 47.13 रुपये से बढ़ाकर 59.13 रुपए प्रति लीटर करने का निर्णय लिया है। इसी तरह बी-भारी शीरा (माध्यमिक शीरा) से उत्पादित एथेनॉल का खरीद भाव 47.13 रुपए से बढ़ाकर 52.43 रुपए प्रति लीटर कर दिया है। इसके विपरीत सी-ग्रेड के शीरे से उत्पादित एथेनॉल का मूल्य 43.70 रुपए से घटा कर 43.46 रुपए कर दिया गया है। गन्ने के रस से एथेनॉल बनता है। इस सूची में ब्राजील सबसे ऊपर है जहां सारा एथेनॉल सीधे गन्ने के रस से तैयार होता है।
इस कदम से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 13000 करोड़ रुपए से अधिक है। अकेले उत्तर प्रदेश में इसमें से 40 फीसदी बकाया है। एथनॉल को पेट्रोल में मिलाने से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटेगी। सरकार अगले कुछ वर्षों में एथेनॉल मिश्रण को मौजूदा 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर सकती है।
सरकार ने वर्ष 2003 में प्रायोगिक आधार पर कार्यक्रम ईबीपी शुरू किया था, जिसे वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के रूप में इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 21 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में विस्तार किया गया था। सरकार अगले कुछ वर्षों में एथेनॉल मिश्रण को मौजूदा 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर सकती है। सरकार ने वर्ष 2003 में प्रायोगिक आधार पर कार्यक्रम ईबीपी शुरू किया था, जिसे वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के रूप में इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 21 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में विस्तार किया गया था।