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अगस्त में खुदरा महंगाई दर घटकर 10 महीने के सबसे निचले स्तर पर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 13 2018 10:39AM | Updated Date: Sep 13 2018 10:39AM
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नई दिल्ली। रुपए में गिरावट और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार के लिए राहत की खबर है। अगस्त की खुदरा महंगाई दर घटकर 3.69 प्रतिशत हो गई है जो कि पिछले 10 महीने में सबसे कम है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 4.17 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि में खुदरा महंगाई दर 3.28 प्रतिशत थी। इसकी वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी है। जुलाई में खाद्य महंगाई दर 1.37 प्रतिशत थी जो अगस्त में 0.29 फीसदी हो गई है। 
 
खुदरा महंगाई दर में कमी के बाद हो सकता है आरबीआई अगली पॉलिसी रिव्यू में दरें बढ़ा दे। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने पिछली समीक्षा में महंगाई दर का अनुमान वित्त वर्ष 19 के लिए 4.8 फीसदी से घटाकर 4.7 कर दिया था। एमपीसी की बैठक में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई गई थी। इसकी वजह थी खरीफ की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा और रुपए की गिरावट। रिजर्व बैंक ने इन वजहों को साल में दूसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी का कारण बताया है। 
 
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा चार फीसदी की महंगाई दर के टारगेट को हासिल करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर कम होने के पीछे वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी थी। वहीं जुलाई का फैक्ट्री आउटपुट भी घटकर 6.6 फीसदी हो गया है। 
 
खाद्य महंगाई ने दी राहत
महंगाई का यह आंकड़ा आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य से नीचे रहा है। महंगाई के आंकड़ों से जाहिर होता है कि अगस्त 2018 में खाद्य महंगाई घटकर 0.29 फीसदी पर आ गई है, जबकि इससे पिछले महीने में यह आंकड़ा 1.37 फीसदी रहा था। अगस्त में सब्जियों की कीमतों में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि फलों की कीमतों में 3.57 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गईए जो जुलाई के 7 फीसदी से खासी कम है। वहीं फ्यूल और लाइट सेगमेंट महंगाई में सुस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। यह अगस्त में 8.47 फीसदी रहीए जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 8 फीसदी रहा था।
 
आरबीआई ने रखा है 4 फीसदी का टारगेट
भारत की फ्यूल बास्केट में डीजल की हिस्सेदारी 40 फीसदी है और इसकी खपत मुख्य रूप से ट्रांसपोर्ट सेक्टर में होती है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) इंटरेस्ट रेट पर फैसला लेते समय महंगाई के आंकड़ों पर नजर रखता है। मॉनिटरी पॉलिसी की अगली बाईमंथली मीटिंग 5 अक्टूबर को होनी है। केंद्रीय बैंक ने रिटेल इनफ्लेशन को 4 फीसदी (2 फीसदी के मार्जिन के साथ) के स्तर पर सीमित रखने का लक्ष्य तय किया है।
 
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