नई दिल्ली। मप्र नेयथा 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष में भारत के समग्र निर्यात वृद्धि में अपने हिस्से में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। भारत की औसत निर्यात वृद्धि 0.9 प्रतिशत (नकारात्मक) रहने के बावजूद राज्य का निर्यात में हिस्सा वर्ष 2013-14 के 4.4 बिलियन यूएस डॉलर से 5.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर 2017-18 में 5.3 बिलियन यूएस डॉलर हो गया। इसका खुलासा इंदौर में इंडो ग्लोबल एसएमई चैम्बर (आईजीएससी) के साथ मिलकर आयोजित मध्यप्रदेश के लिए निर्यात रणनीति सेमिनार के दौरान किया गया।
राज्य के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम में टेक्सटाइल, औषधि उद्योग, लाइट इंजीनियरिंग, खाद्य उत्पाद, रेडीमेड कपड़े आदि क्षेत्रों में एमएसएमई निर्यातकों ने हिस्साा लिया। सेमिनार के पैनलिस्टोंज में मध्यप्रदेश सरकार, ईसीजीसी लि., डीजीएफटी, एमपी स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोशिएशन, आईजीएससी तथा एक्जिम बैंक के अधिकारी थे। इस सेमिनार में एक चर्चा सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें राज्य के प्रमुख एवं छोटे निर्यातकों ने अनुभवों को भी साझा किया।
अपने संबोधन में प्रहलादन अय्यर, मुख्य महाप्रबंधक भारतीय निर्यात-आयात बैंक ने कहा कि देश से निर्यात को बढ़ाने हेतु भारत सरकार विशेष जोर दे रही है तथा अगले 5 से 7 वर्षों में राष्ट्रीय निर्यात लक्ष्य 1 ट्रिलियन यूएस डॉलर का है। इसे प्राप्त करने में मध्यप्रदेश अहम भूमिका निभा सकता है। परिणाम स्वरूप एक्जिम बैंक के अध्ययन में 2021-22 तक मध्यप्रदेश के निर्यातों को 10 बिलियन यू एस डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अगले 5 वर्षों में यदि मध्यप्रदेश भारत के निर्यात शेयर में अपने हिस्से को बनाए रखता है और वैश्विक स्तर पर होने वाली मांग को देखते हुए 2024-25 तक भारत 1 ट्रिलियन यू एस डॉलर की ओर बढ़ता है तो निर्यात लक्ष्य को मध्यप्रदेश आसानी से हासिल कर सकता है। अध्ययन में 2021-22 तक निर्यातों को 10 बिलियन यू एस डॉलर तक पहुंचाने हेतु कई रणनीतियों के बारे में सुझाव दिया गया है। इस पोर्टल का उद्देश्य निर्यातों के लिए ऋण उपलब्धता और व्यापार संबंधी सूचनाएं प्रदान करना है।