नई दिल्ली। सप्लाई घटने की आशंका से ब्रेंट क्रूड का भाव 78 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चला गया है। नंवबर 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब कच्चा तेल इस ऊंचाई पर पहुंचा है। इसी तरह से अमेरिकी क्रूड बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई का भाव भी 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। ओपेक की तरफ से पिछले साल से जारी उत्पादन में कटौती से कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट मिला है। इसके अलावा ओपेक ने अपनी हर महीने जारी होने वाली रिपोर्ट में दुनियाभर कच्चे तेल की मांग का अनुमान बढ़ा दिया है।
अप्रैल के मुकाबले ग्लोबल आॅयल डिमांड 25 हजार बैरल रोजाना ज्यादा रहने का अनुमान है। अमेरिका की तरफ से ईरान से परमाणु करार तोड़ने के फैसले का असर भी कच्चे तेल के भाव पर पड़ा है। दरअसल, ईरान तेल उत्पादकों के समूह ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
इस वजह से बाजार को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं अमेरिका के इस कदम से ईरान से कच्चे तेल की सप्लाई पर असर न पड़ जाए। भारत समेत कई एशियाई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदते हैं। जानकारों का कहना है कि अमेरिका के प्रतिबंध से तेल खरीदने वाली छोटी-छोटी कंपनियां ईरान के अलावा दूसरे बाजार तलाशेंगी। इससे कच्चे तेल की सप्लाई घटने की आशंका है, क्योंकि ईरान के बाहर इन तेल कंपनियों को बाजार ढूंढने में थोड़ा वक्त लगना लाजिमी है।