नई दिल्ली। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का जनवरी मार्च तिमाही में भरोसे में बढ़ोतरी हुई है और चालू तिमाही में इसमें वृद्धि का रूझान देखा गया है। क्रिसिडेक्स सूचकांक के अनुसार इसके शुरू होने की पहली तिमाही में यह 107 पर था जो जनवरी मार्च तिमाही में बढ़कर 121 पर पहुंच गया। इसमें शून्य को सबसे कमजोर और 200 को सबसे बेहतर माना जाता है। पूरे देश में 1100 एमएसएमई पर किये गये सर्वेक्षण के आधार पर यह सूचकांक जारी किया जाता है। विनिर्माण क्षेत्र के पांच और सेवा क्षेत्र के तीन पैरामीटरों को मिलाकर यह सूचकांक बनाया गया है।
जनवरी मार्च तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से छोटी कंपनियों को भरोसा बढ़ा है। इस अवधि में विनिर्माण, रसायन, आॅटो कलपुर्जे और इंजीनियरिंग के साथ ही पूंजीगत वस्तुओं से जुड़े एमएसएमई की धारणा बहुत मजबूत हुई है और इन क्षेत्रों के एमएसएमई चालू तिमाही को लेकर भी बहुत ही आशावादी हैं जबकि चमड़ा एवं उसके उत्पाद, रत्न एवं आभूषण क्षेत्र जैसे असंगठित उद्यमों की धारनणा कमजोर हुई है। सिडबी और क्रिशिल ने मिलकर इस सूचकांक को बनाया था जो देश के लुघ एवं छोटे उद्यम के कारोबार की धारणा को प्रदर्शित करता है।