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100 रु. के मटमैले नोटों की वजह से बढ़ सकती है समस्या

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 7 2018 11:06AM | Updated Date: May 7 2018 11:07AM
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पुणे। कई राज्यों में कैश की किल्लत के बीच अब 100 रुपये के पुराने, मटमैले नोटों की वजह से संकट और गहरा सकता है। बैंकर्स का कहना है कि 200 और 2000 रुपये के नोटों की तरह 100 रुपये मूल्य के नोटों, खासकर जो एटीएम कैसेट में फिट हो सकें, की सप्लाई भी कम है। उन्होंने कहा, 'ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि 100 रुपये के उपलब्ध अधिकतर नोट मटमैले और एटीएम में डालने लायक नहीं हैं। उनमें से कुछ तो 2005 से भी पुराने हैं।
 
बैंकर्स ने रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया से इस समस्या पर तुरंत ध्यान देने का आग्रह किया है। एक पब्लिक सेक्टर बैंक के करंसी मैनेजर ने कहा, 'आरबीआई 100 रुपये के नए नोट तेजी से लाए नहीं तो 500 रुपये के नोटों पर आने वाले दिनों में अत्यधिक दबाव होगा।' नोटबंदी के तुरंत बाद आरबीआई ने 100 रुपये के नोटों की सप्लाई को बड़ी मात्रा में बढ़ाया था। 2016-17 में (नोटबंदी से पहले) 100 रुपये के 550 करोड़ पीस नोट चलन में थे और फइक ने इसे बढ़ाकर 573.8 करोड़ कर दिया। 
 
हालांकि, बैंकर्स कहते हैं कि यह पर्याप्त नहीं था, क्योंकि 100 रुपये के नोटों का इस्तेमाल 2000 रुपये के नोटों के चेंज के रूप में हुआ (जब 500 रुपये के नोट आसानी से उपलब्ध नहीं थे)। आरबीआई ने कहा कि 2015-16 में मांग के मुकाबले 44 करोड़ पीस कम सप्लाई की गई थी। 2017-18 के लिए डेटा अगस्त में उपलब्ध होगा। करंसी मैनेजर्स ने कहा कि नोटबंदी के बाद कैश किल्लत को दूर करने के लिए बड़ी मात्रा में मटमैले नोट्स का इस्तेमाल किया गया था। ये नोट अभी भी सिस्टम में मौजूद हैं। एक पब्लिक सेक्टर बैंक के टॉप मैनेजर ने कहा, 'इन नोटों की हालत इतनी खराब है कि इन्हें संभालना मुश्किल हो रहा है।' 
 
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