नई दिल्ली। प्रॉपर्टी साईट मैजिकब्रिक्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि 74 फीसदी लोग नहीं जानते कि उन्हें घर खरीदने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि प्रोजेक्ट को राज्य की रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी आॅथोरिटी यानि रेरा के साथ पंजीकृत किया गया है। उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी नहीं है कि रेरा की वेबसाइट पर वे कैसे इस बात की जांच कर सकते हैं। रेरा लागू होने के एक साल बाद भी रेरा अधिनियम 2016 अब तक उपभोक्ताओं से नहीं जुड़ पाया है क्योंकि 74 फीसदी उपभोक्ता आज भी नहीं जानते कि उन्हें घर खरीदते समय परियोजना के रेरा पंजीकरण की जांच कैसे करनी चाहिए। मैजिकब्रिक्स कन्ज्यूमर चॉइस पोल में यह तथ्य सामने आया है। वास्तव में अधिनियम लागू होने के 12 महीने बीत जाने पर भी 15 राज्यों ने अब तक आॅनलाईन साईट्स नहीं बनाई हैं, जिन पर डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट्स को सूचीबद्ध कर सकें और उपभोक्ता प्रोजेक्ट के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी पा सकें। उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने के लिए यह अधिनियम लागू किया गया, ताकि रियल एस्टेट से जुड़े सभी लेनदेनों को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जा सके।
मैजिकब्रिक्स के हैड एडिटोरियल एण्ड अडवाईस ई जयश्री कुरूप ने कहा जिन राज्यों की सरकारें सक्रिय हैं उन्होंने अपनी वेबसाईट बना ली है और बड़ी संख्या में उपभोक्ता परियोजना की वैद्यता की जांच कर रहें हैं। हालांकि बहुत से ऐसे राज्य बचे हैं जिन्होंने अधिनियम के अनुसार उचित कार्रवाई नहीं की है, ऐसे में उपभोक्ताओं में भी जागरुकता की कमी है। हालांकि डेवलपर्स विज्ञापनों में अपनी ऐसी परियोजनाओं का उल्लेख कर रहे हैं, जिन्हें वे रेरा के तहत पंजीकृत कर चुके हैं, लेकिन बहुत से उपभोक्ता घर खरीदने से पहले राज्य के आधिकारिक पोर्टल पर इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते, जहां वेबसाईट ही नहीं चल रही है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सबसे पहले रेरा के लिए तैयार हो गए थे और इन्होंने 1 मई 2017 को अपनी वेबसाइट शुरू कर दी।
महाराष्ट्र के रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट्स को रेरा आॅथोरिटी वेबसाईट पर पंजीकृत कर रहे हैं तथा विज्ञापन में भी पंजीकरण संख्या बता रहे हैं। जो डेवलपर्स ऐसा नहीं कर रहें हैं, उनकी जानकारी रेरा अधिकरियों द्वारा प्रकाशन के माध्यम से दी जा रही हैं। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है और घर के खरीददारों पर इसका कितना सकारात्मक असर पड़ा है? महाराष्ट्र में डेवलपर्स और ब्रोकर्स का मानना है कि उपभोक्ता वेबसाईट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें परियोजना के अनुमोदन, निर्माण एवं अन्य सभी पहलुओं के बारे में अप-टू-डेट जानकारी है।
15000 से ज्यादा परियोजनाओं के साथ पंजीकृत किया जा चुका है। एक भावी खरीददार को रूप में आपको वेबसाईट पर जाकर प्रोजेक्ट के बारे में सभी जानकारी लेनी चाहिए। ब्रोशर और मार्केटिंग मटीरियल पर दी गई जानकारी को वेबसाईट पर पोस्ट की गई जानकारी के साथ मिलान करना चाहिए। इसके अलावा रेरा वेबसाईट आपके क्षेत्र में उपलब्ध परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी देती है।