मुंबई। आयातकों की डॉलर लिवाली से अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 15 पैसे टूटकर साढ़े छह माह से अधिक के निचले स्तर 65.64 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया। भारतीय मुद्रा लगातार दूसरे दिन कमजोर हुई है। गत दिवस यह 28 पैसे की गिरावट में 65.49 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी। भारतीय मुद्रा पर व्यापार घाटे, कच्चे तेल की कीमतों में रही तेजी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली का दबाव भी है। रुपया शुरुआती कारोबार में चार पैसे की मजबूती में 65.45 रुपये प्रति डॉलर पर खुला।
शेयर बाजार में रही तेजी के दम पर यह कारोबार के दौरान 65.40 रुपये प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर तक गया। लेकिन, डॉलर लिवाली और एफपीआई के बिकवाल बनने के दबाव में यह 65.69 रुपये प्रति डॉलर दिवस के निचले स्तर से होता हुआ अंतत: गत दिवस के मुकाबले 15 पैसे टूटकर 65.64 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कुल व्यापार घाटा बढ़कर 87.17 अरब डॉलर हो गया जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 47.47 अरब डॉलर रहा था। मार्च 2018 में व्यापार घाटा 13.69 अरब डॉलर दर्ज किया गया जबकि मार्च 2017 में यह आँकड़ा 10.65 अरब डॉलर था। एफपीआई ने पूँजी बाजार से आज 22.02 करोड़ डॉलर निकाले।