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एच-1बी वीजा आवेदनों में लगातार दूसरे वर्ष आई कमी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 16 2018 11:34AM | Updated Date: Apr 16 2018 11:34AM
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मुंबई। कुशल भारतीय जो पहले बड़ी तादाद में एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई करते थे, उनकी संख्या में अब कमी देखने को मिल रही है। ऐसा लग रहा है जैसे युवाओं का अमेरिका से मोह भंग हो रहा है। 2018-19 के सीजन में अबतक सिर्फ 1.90 लाख आवेदन मिले हैं, जबकि पिछले सीजन में यह संख्या 2 लाख ही पहुंच पाई थी। यह गिरावट लगातार दूसरे साल आई है। इन आवदकों में से जिसे-जिसे वीजा मिलेगा वह अक्तूबर 2018 से अमेरिका में काम कर सकेगा।
 
2017-18 के मुकाबले वीजा आवेदनों में 4.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि ट्रंप प्रशासन की अति सुरक्षात्मक नीतियों के मुकाबले यह गिरावट मामूली है। बताया जा रहा है कि अमरीका में स्थित बड़ी भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में स्थानीय लोगों की भर्ती तो की है लेकिन अमरीकी वीजा में दिलचस्पी अभी उतनी नहीं घटी है जितनी उम्मीद की जा रही थी।
 
क्यों आई कमी 
ट्रंप प्रशासन की सख्ती को 8,902 कम आवेदन आने की वजह माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के पहले से अपने चुनावी अभियान में अमेरिका के लोगों को रोजगार देने पर जोर डालते रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने एच-1बी वीजा रूल में सख्ती करनी शुरू की। ट्रंप की वजह से अमेरिका में मौजूद भारतीय टेक कंपनियों ने भी भारतीयों की जगह अमेरिका के नागरिकों को नौकरियां देनी शुरू कर दी है। ट्रंप के पहले तक ऐसा नहीं था। तब तो एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही थी।
 
लिमिट बढ़ने की वजह से 2013-14 में लॉटरी सिस्टम लाया गया था। साल 2016-17 की बात करें तो तब आदेवन करने वालों की संख्या 2.4 लाख पहुंच गई थी। वहीं अब लॉटरी में नाम आने के बावजूद वीजा मिलना पक्का नहीं है। क्योंकि ट्रंप ने अब तरह-तरह की नई जांच शुरू करवा दी हैं। वीजा ऐप्लिकेशन के दौरान होनेवाली पूछताछ भी पहले जैसी नहीं रही है। 
 
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