नई दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आर्थिक सुधारों को भारत के विकास की धुरी बताते हुए वर्ष 2017-18 में विकास दर 7.3 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 7.6 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताया है। एडीबी की बुधवार को जारी एशियाई विकास परिदृश्य 2018 रिपोर्ट के मुताबिक विकासोन्मुखी योजनाओं और जीएसटी की मदद से भारत की विकास दर में उत्तरोत्तर बढोतरी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 के अंत में घोषित नोटबंदी के कारण वित्त वर्ष 2016-17 में विकास दर 6.6 प्रतिशत रही थी। इसके अलावा वर्ष 2017 में लागू जीएसटी से उपजी भ्रम की स्थिति के कारण छोटे और मंझोले उद्योगों का कारोबार प्रभावित हुआ और इसका भी असर विकास दर पर दिखा। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री याशुयुकी सावदा का कहना है कि इन सबके बावजूद जीएसटी और ऐसे आर्थिक सुधार आने वाले समय में भारत के विकास की इबारत लिखेंगे। कारोबार सरलीकरण के सरकारी प्रयासों और नियमों में नरमी से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढावा मिलेगा जिससे विकास दर बढ़ेगी।
वित्त, रिएल एस्टेट,कारोबार, परिवहन और संचार सेवाओं में रही 8.3 फीसदी की तेजी के बल पर वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर 6.6 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2017 में विनिर्माण क्षेत्र में रही गिरावट के कारण औद्योगिक गतिविधियां सुस्त होकर 5.1 प्रतिशत रहीं जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 7.9 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2016-17 में खपत भी पांच साल के निचले स्तर पर आ गयी लेकिन निवेश परिदृश्य में सुधार देखा गया। कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन भी ठीकठाक रहा ।
एडीबी के मुताबिक किसानों की खरीद क्षमता बढाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों, जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि,कृषि बाजार में सुधार और ंिसचाई में निवेश से कृषि क्षेत्र की विकास दर बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2017-18 में विकास दर 4.6 और वित्त वर्ष 2018-19 में विकास दर 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।