मुंबई। बांड की लेनदेन में हुई हानि को चार तिमाहियों में विभक्त करने की रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद भारतीय बांड बाजार में आज जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। 10 साल के बांड पर ब्याज 7.40 प्रतिशत से घटकर 7.31 प्रतिशत पर आ गया। हालांकि , रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से पहले सतर्कता बरते जाने से बांड यील्ड कारोबार के दौरान 7.33 प्रतिशत तक पहुंचा।
रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि बैंक दिसंबर 2017 और मार्च 2018 को समाप्त हुई तिमाहियों में बांड ट्रेडिंग में हुई हानि को चार तिमाहियों तक बराबर-बराबर विभाजित कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने साथ ही कहा है कि बैंक बांड में अपने निवेश के बेचने से हुए लाभ को चालू वित्त वर्ष से रिजर्व में रखें।
बैंकों, खासकर सरकारी बैंकों को आरबीआई के इस कदम से बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2013 की सितंबर में समाप्त हुई तिमाही के बाद पहली बार दिसंबर 2017 की तिमाही में बांड पर ब्याज काफी बढ़ गया जिससे बैंकों को बांड होंिल्डग में काफी नुकसान उठाना पड़ा।