नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में सरकारी लॉटरी का संचालन करने वाली और दुनिया के 17 देशों को ऑनलाइन लॉटरी के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने वाली प्रमुख कंपनी सुगाल एंड दामनी ने सरकार से जन कल्याण कार्यां जैसे 'आयुष्मान भारत योजना', 'खेलो इंडिया कार्यक्रम' और 'एकलव्य स्कूल' आदि के लिए वैधानिक लॉटरी से राशि जुटाने की सलाह दी है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश विजय ने यहां कहा कि इसको लेकर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं जिसमें उन्होंने अमेरिका, चीन, इटली, फ्रांस, हांगकांग, ब्रिटेन, जापान और सिंगापुर जैसे देशों में वैधानिक लॉटरी से जन कल्याण कार्यक्रमों के लिए
राशि जुटाये जाने का विस्तृत विवरण भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि केरल ने भी बजट में समग्र स्वास्थ स्कीम के लिए केरल लॉटरी फंड से राशि जुटाये जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि देश के 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाली आयुष्मान योजना के लिए भी लॉटरी से प्राप्त होने वाले राजस्व का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि इस योजना में 60 फीसदी राशि केन्द्र और 40 फीसदी राज्यों को देनी है। जो राज्य अपनी हिस्सेदारी देने में असफल रहेंगे उनके यहां इसके लागू होने की संभावना बहुत कम है। ऐसे में कई राज्य भी केरल का अनुसरण कर सकते हैं और अपने यहाँ बेहतर स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध करा सकते हैं।
विजय ने कहा कि वैश्विक स्तर पर लॉटरी पर 20 फीसदी से अधिक का कर लगता है, लेकिन भारत में यह अभी कम है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बराबर करने के साथ ही प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अधिक लॉटरी खेलने वालों पर रोक भी लगायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी केपीएमजी ने फिक्की के लिए एक अध्ययन किया था जिसमें उसने भारत में सालाना तीन लाख करोड़ रुपए के लॉटरी का कारोबार होने का अनुमान लगाया था। यदि केन्द्र सरकार अपने स्तर पर इसे वैधानिक तरीके से शुरू करती है तो उसे 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हो सकता है।