नई दिल्ली। देश में केसर उत्पादन चालू फसल वर्ष में 68.15 फीसदी घटकर 9.12 टन रह जाने का अनुमान है, जिसका कारण इसके शीर्ष उत्पादक राज्य जम्मू कश्मीर में शुष्क मौसम रहना है। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हिमाचल प्रदेश में भी केसर की खेती की जाती है। इसके अधिकतर उत्पादों का निर्यात किया जाता है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केसर उत्पादन 2017-18 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 9.12 टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 28.64 टन के करीब हुआ था।
इसमें कहा गया है कि फसलों के बढ़ने के महत्वपूर्ण चरण में शुष्क (ड्राई) मौसम के कारण उत्पादन में कमी आने की उम्मीद है। बाढ़ के कारण फसल वर्ष 2014-15 में केसर उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था और मात्र 8.51 टन का ही उत्पादन हुआ था। कृषि मंत्रालय के अनुसार, भारतीय केसर में उच्च गुणवत्ता वाले सक्रिय अवयवों जैसे कि क्रोकिन, पिक्रोकोकिन और सफ्रनल की मौजूदगी की वजह से वैश्विक बाजारों में भारतीय केसर की मांग बढ़ी है। राष्ट्रीय केसर मिशन के तहत केसर खेती के साथ ही इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है।