पेरिस। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने कहा है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भले ही दुनिया के अधिकतर देशों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन रोजगार वृद्धि दर में गिरावट चिंता का विषय है। ओईसीडी की सोमवार को यहाँ जारी रिपोर्ट 'गोइंग फॉर ग्रोथ 2018' में भारत के बारे में कहा गया है प्रति व्यक्ति जीडीपी अधिकतर विकसित एवं विकासशील देशों की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। इसमें मुख्य योगदान श्रमिकों की उत्पादकता में वृद्धि का है। हालाँकि, रोजगार वृद्धि की घटती दर से, विशेषकर महिला कामगारों के मामले में, रोजगार का योगदान नकारात्मक रहा है।" इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में गरीबी कम जरूर हुई है, लेकिन असमानता बढ़ी है। धनाढ्यों और आय की असमानता बढ़ी है। मुख्य लोक सेवाओं में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का अंतर बहुत ज्यादा है। ओईसीडी ने कहा है कि विकास को समावेशी बनाने के लिए अधिक तथा बेहतर रोजगार सृजन प्राथमिकता होनी चाहिये। इसके लिए श्रम कानूनों को भी सरल और आधुनिक बनाया जाना चाहिये। माध्यमिक शिक्षा तक पहुँच और प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। उसने कहा है कि प्रशिक्षण प्रणाली ऐसी होनी चाहिये कि रोजगार चाहने वालों की अर्हता काम के अनुरूप हो और उन्हें रोजगार के लायक बनाये जा सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद प्रशासन पर बोझ कम हुआ है।