नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंकों के पास जमा हुए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट्स के बारे केंद्रीय रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने बताया कि बैंकों के पास जमा हुए इन पुराने नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है। आरबीआई का कहना है कि इन नोटों को मशीनों के द्वारा टुकड़ों में काटकर और ईंट की तरह ठोस बनाकर एक टेंडर प्रक्रिया के जरिए नष्ट किया जा रहा है।
आरबीआई ने यह जानकारी एक पत्रकार के द्वारा दायर की गई आरटीआई के जवाब में दी है। एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी के बाद आरबीआई के पास कुल 15.28 लाख करोड़ रुपये जमा हुए हैं। आरबीआई ने अपने जवाब में कहा, '500 और 1000 के पुराने नोटों को पहले गिना जाता है, इनके असली-नकली का वेरिफिकेशन किया जाता है। इसके बाद इन नोटों को आरबीआई की विभिन्न शाखाओं में मौजूद मशीनों के द्वारा टुकड़े-टुकड़े करके एक ईंट की तरह आकार बना दिया जाता है, फिर इन्हें टेंडर निकालकर नष्ट करवाया जाता है।'
आरबीआई का कहना है कि वह इन नोटों को रीसाइकल नही करता है। देशभर में इन पुराने नोटों के वेरिफिकेशन के लिए लगभग 59 करंसी वेरिफिकेशन ऐंड प्रोसेसिंग मशीनों का इस वक्त इस्तेमाल हो रहा है। गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को सराकर द्वारा नोटबंदी की घोषणा की गई थी और 500 और 1000 रुपये के पुरान नोटों को बैन कर दिया था। इसके कुछ दिन बाद ही सरकार ने 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे। कई अर्थशास्त्री और विपक्षी नेता केंद्र सरकार द्वार की गई नोटबंदी पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार शुरूआत से ही इसे सफल बता रही है।