वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत पर निर्यात सब्सिडी योजनाओं के जरिये अमेरिकी निर्यातकों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत की है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटीजर ने बुधवार को कहा निर्यात सब्सिडी कार्यक्रमों के जरिये भारत अमेरिकी कामगारों को नुकसान पहुंचा रहा है। वह बेमेल परिस्थितियाँ पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौतों के तहत अमेरिकी अधिकारों को आक्रमकता से लागू करने के लिए अमेरिका अपने व्यापार साझेदारों की जिम्मेदारी तय करता रहेगा। वह डब्ल्यूटीओ जैसे उपलब्ध सभी माध्यमों के जरिये न्यायोचित व्यापार को बढ़ावा देता रहेगा। अमेरिका ने यह शिकायत ऐसे समय में की है जब अगले सप्ताह भारत में डब्ल्यूटीओ के कई सदस्य देशों की मंत्री स्तरीय बैठक होनी है। सब्सिडी के संबंध में डब्ल्यूटीओ के नियमों से भारत को आधिकारिक रूप से छूट मिली हुई है। आम तौर पर निर्यातकों को रियायत और प्रोत्साहन देने की छूट सिर्फ उन्हीं विकासशील तथा बेहद कम विकसित देशों को है जिनकी राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1990 के विनिमय दर के आधाार पर एक हजार डॉलर प्रति वर्ष और वैश्विक निर्यात में हिस्सेदारी 3.25 प्रतिशत से कम है। यदि किसी देश की राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय लगातार तीन साल तक एक हजार डॉलर से ज्यादा रहती है तो उसे निर्यातकों को दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त करनी होगी। भारत की राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 2015 में ही एक हजार डॉलर सालाना से ज्यादा हो चुकी है, लेकिन भारत ने सब्सिडी पूरी तरह समाप्त करने के लिए कुछ और समय माँगा है। लाइटीजर का तर्क है कि सब्सिडी के नियमों में छूट सिर्फ विकासशील देशों के लिए था और भारत अब इस श्रेणी में नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने सब्सिडी कार्यक्रमों का विस्तार किया है। अमेरिका की शिकायत के बाद यदि भारत अपनी निर्यात नीति में बदलाव नहीं करता और दोनों देशों में सुलह नहीं हो पाती है तो मामला डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान पैनल में जाएगा।