नई दिल्ली। सरकारी क्षेत्र की हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवनहंस के विनिवेश में सिर्फ एक खरीदार ने रुचि दिखाई है और हो सकता है फिलहाल इसका विनिवेश टाल दिया जाए। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने बुधवार को आॅल इंडिया वीमिन प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा ‘पवनहंस के लिए सिर्फ एक कंपनी ने अभिरुचि पत्र दाखिल किया है। देखना होगा कि सिर्फ एक बोली प्रदाता के साथ विनिवेश प्रक्रिया आगे बढ़ाना कहाँ तक उचित होगा।’ राजू ने कहा कि इस संबंध में सोच-विचार करने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। पवनहंस में सरकार की 51 प्रतिशत और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। मंत्रिमंडल ने अक्टूबर 2016 में इसके विनिवेश की मंजूरी प्रदान की थी। विनिवेश प्रक्रिया के तहत अभिरुचि पत्र मंगाए गए थे। इसके लिए 15 दिसंबर 2017 आखिरी दिन था और अभी सिर्फ एक खरीदार प्रक्रिया में है। देश की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवनहंस मुनाफा कमाने वाली इकाई है और सरकार को पिछले वित्त वर्ष में भी उसने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा का लाभांश दिया था।