भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग में इस वर्ष अभी तक 80 करोड़ 71 लाख रुपए से अधिक की राजस्व बकाया वसूली हो चुकी है। इंदौर जिले में मार्च तक 100 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य है। प्रदेश के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने यहां राजस्व प्रकरणों के निराकरण की संभाग-स्तरीय समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इंदौर संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अपेक्षित सुधार हुआ है, जो आगे भी जारी रहना चाहिये। राजस्व प्रकरणों के निराकरण की नियमित समीक्षा की जाएगी।
कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पटवारियों के 9,235 रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस भर्ती के बाद पटवारियों को गहन प्रशिक्षण देकर जिलों में पदस्थ किया जाएगा। चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की प्रक्रिया अगले एक माह में पूरी हो जाएगी। संभागायुक्त संजय दुबे ने बताया कि संभाग में 3 लाख 21 हजार 320 हितग्राहियों को आवासीय पट्टे और भू-अधिकार-पत्र आदि से लाभान्वित करने का लक्ष्य है। सीमांकन के शत-प्रतिशत प्रकरणों में टीसीएम से सीमांकन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मॉनिटरिंग सिस्टम में अधीनस्थ न्यायालयों के निरीक्षण के लिये अलग-अलग दल बनाये गये हैं। दलों ने 296 न्यायालयों का निरीक्षण किया है। प्रवाचकों को प्रशिक्षित किया गया। सीमांकन के सर्वे के लिये हेल्प डेस्क बनाने से अच्छे परिणाम सामने आये हैं। प्रमुख सचिव राजस्व हरिरंजन राव ने बताया कि भू-राजस्व संहिता, अन्य राजस्व कानून और नियमों में आवश्यक मॉनिटरिंग बदलाव किए जाएगे। इसके लिये प्रारूप बनाया जा रहा है। राजस्व विभाग का सुदृढ़ीकरण होगा और आवश्यकतानुसार नई तहसीलें गठित की जायेंगी। बैठक में जिला कलेक्टरों और राजस्व अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों, नवाचारों, चुनौतियों और समस्याओं की जानकारी दी। बैठक में प्रमुख राजस्व आयुक्त मनीष रस्तोगी, आयुक्त भू-अभिलेख एल. सेलवेन्द्रम सहित सभी जिलों के कलेक्टर तथा राजस्व अधिकारी मौजूद थे।