नई दिल्ली। इंटरनेट की पहुंच बढ़ने और आॅनलाइन खरीददारी के प्रति बढ़ती जागरुकता के बल पर पिछले तीन साल में तीन गुणा बढ़ने वाले आॅनलाइन खुदरा बाजार की यह गति अगले तीन साल भी जारी रहने की उम्मीद है और इसके ढाई गुणा होकर करीब 1,800 अरब रुपए पर पहुंचने की उम्मीद है। साख निर्धारक एवं निवेश सलाह कंपनी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह बात कही है। क्रिसिल ने सोमवार को बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में देश आॅनलाइन खुदरा कारोबार बाजार 200 से 250 अरब रुपए का था और अनुमान है कि 2016-17 में यह बढ़कर 680-730 अरब रुपए पर पहुंच गया। उसका कहना है कि इस दौरान कंपनियों का मुख्य फोकस परिधानों, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेटों पर रहा। कंपनियों ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए छूट और सेल आदि पर फोकस किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले चरण में कंपनियां खाने-पीने के सामान और ग्रॉसरी पर फोकस करेंगी तथा उनका लक्ष्य अपने बाजार को मजबूती प्रदान करना, अलग-अलग क्षेत्रों में विस्तार तथा कारोबार को सुव्यवस्थित करने पर होगा। साथ ही वे बेहतर सेवाओं के माध्यम से पुराने ग्राहकों को बचाने पर भी जोर देंगी। उसने कहा है कि इन प्रयासों के दम पर 35-40 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ते हुए 2019-20 तक आॅनलाइन खुदरा कारोबार का बाजार 1,750 से 1,950 अरब रुपए पर पहुँच जाएगा। इसमें कहा गया है कि भले ही पिछले तीन साल में यह बाजार तेजी से बढ़ा है, लेकिन देश के कुल खुदरा कारोबार (49,000 अरब रुपए) में इसकी हिस्सेदारी महज 1.5 प्रतिशत है। इसलिए, आने वाले समय में भी क्षेत्र में तेज विकास जारी रहने की उम्मीद है।