नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने स्पष्ट किया कि मुंबई स्थित उसकी एक शाखा में करीब 11,500 करोड़ रुपए के घोटाले की शुरुआत वर्ष 2011 में ही हो गई थी। पीएनबी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने इस घोटाले के खुलासे के बाद गुरुवार को पहली बार मीडिया से बात की। उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले पीएनबी प्रबंधन ने ही इस घोटाले की जानकारी जाँच एजेंसियों को दी जो वर्ष 2011 से चल रहा था। उन्होंने कहा कि गत 03 जनवरी को यह जानकारी मिली कि मुंबई स्थिति एक शाखा के दो कर्मचारी अवैध लेनदेन कर रहे है। कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि अभी भारत सरकार इस मामले की निगरानी कर रही है और अपराधियों को पकड़ने में पूरी मदद की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक शाखा मामला है। उनका बैंक इससे बाहर निकलने में सक्षम है। इसी के मद्देनजर मामला दर्ज कराया गया है। संलिप्त समूहों के यहाँ छापेमारी की जा रही है और कागजात जब्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित सभी बैंकों के वित्तीय हित सुरक्षित रहेंगे। मेहता ने कहा कि इस मामले में लिप्त कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गयी है और जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। अभी यह मामला जांच एजेंसियों के हवाले है, इसलिए इस पर कुछ भी कहना संभव नहीं है लेकिन उनका बैंक इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने तथा बैंक से जुड़े हितधारकों को वित्तीय संरक्षण मिलेगा।