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भारत-चीन के चलते ऊष्मीय कोयले की वैश्विक मांग बढ़ने का अनुमान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 13 2018 2:30PM | Updated Date: Feb 13 2018 2:30PM
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पणजी। भारत और चीन की मांग में बढ़ोतरी के मद्देनजर इस साल ऊष्मीय कोयले की मांग पांच प्रतिशत यानी 4.8 करोड़ टन बढ़कर करीब 97.40 करोड़ टन हो सकती है। गोवा में आयोजित कोलट्रान्स इंडिया कांफ्रेंस में नोबल रिर्सोसेज के मुख्य कोयला विशेषज्ञ रोड्रिगो इशेवेरी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक मांग में इस साल तेजी आएगी लेकिन आपूर्ति में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी नहीं हो पाएगी। कोयले की आपूर्ति करीब 3.8 करोड़ टन ही बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि चीन के बाद कोयले के सबसे बड़े आयातक देश भारत में लगातार दो साल की गिरावट झेलने वाले कोयला आयात में वृद्धि होगी। अगले तीन वर्षों के दौरान इंडोनेशिया के कोयले पर भारत की निर्भरता बढ़ेगी। भारत के कुल कोयला आयात का 68 प्रतिशत हिस्सा इंडोनेशिया के कोयले का है और 2020 तक इसके 78 प्रतिशत होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि कोयले की मांग में गत वर्ष करीब आधे दशक के बाद सुधार आया है, लेकिन मांग में आई गिरावट के कारण कई छोटे ऊष्मीय कोयला उत्पादकों का कारोबार ठप हो गया। मुख्य कोयला उपभोक्ता देशों में इसकी मांग पिछले साल बढ़ी और इसके साथ कीमतें भी बढ़ीं। 
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