नई दिल्ली। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के दौरान उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी तथा संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए जागरुकता अभियान चला रही है। परिषद ने सोमवार को बताया कि 18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह मनाएगा। यह राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की 60वीं वर्षगांठ हैं और इसे हीरक जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह-2018 को ‘उद्योग 4.0-भारत के लिए बड़ी छलांग लगाने का अवसर’ के विषय पर मनाया जा रहा है। परिषद ने डिजीटलीकरण और उत्पादों, मूल्य संवर्धन श्रृंखला, व्यापार के तौर तरीकों को एक दूसरे से जोड़ने की परिकल्पना की है। इसका परिणाम स्मार्ट फैक्टरी के रूप में सामने आएगा, जिनमें कई कौशल का प्रयोग, संसाधनों का बेहतर प्रयोग, दक्षता योग्य डिजाइन और व्यापारिक भागीदारों के बीच सीधा संपर्क संभव हो सकेगा। परिषद का कहना है कि निर्माण क्षेत्र विशेष तौर पर सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र की भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका है और यह कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करता है। रोजगार के साथ विकास को जोड़ने के लक्ष्य के अनुरूप देश में सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2022 तक 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और 10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है।