दावोस। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2019 में भारत की विकास दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी करते हुये कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण उसे वैश्विक आर्थिक विकास दर अनुमान में भी 0.1 प्रतिशत की कटौती करनी पड़ रही है। वैश्विक संगठन ने आज यहाँ जारी ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट’ रिपोर्ट में वर्ष 2020 के लिए भारत के विकास दर अनुमान में 1.2 प्रतिशत की कटौती करते हुये इसके 5.8 प्रतिशत रहने की बात कही है।
इससे पहले अक्टूबर 2019 में उसने कहा था कि वर्ष 2020 में देश की विकास दर सात फीसदी रहेगी। वर्ष 2021 का विकास अनुमान भी 0.9 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। विकास दर के बारे में हाल के दिनों में जारी रिपोर्टों में आईएमएफ का अनुमान सबसे निराशाजनक रहा है। रिजर्व बैंक और विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास पाँच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है जबकि संयुक्त राष्ट्र की पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट में 5.7 प्रतिशत विकास अनुमान की बात कही गयी है।
भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र पर दबाव और ऋण उठाव में गिरावट के बीच घरेलू माँग में अपेक्षा से तेज गति से गिरावट आयी है। उसने कहा है कि मौद्रिक एवं वित्तीय प्रोत्साहन तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण 2020 और 2021 में देश की विकास दर में वृद्धि होगी।