नई दिल्ली। पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास के असंगठित बाजार को डिजिटल बनाने और संगठित को-लिविंग सेगमेंट के डेवेलपरों की पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रियल एस्टेट पोर्टल हाउसिंग डॉट कॉम ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक विशेष कोलिविंग सेक्शन लॉन्च किया है। एलारा टेक्नोलाजी के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने इसके लिए ओयो लाइफ और जोलो के साथ साझेदारी की जिसके तहत 12 प्रमुख बाजारों में पांच लाख बिस्तर उपलब्ध होंगे। वर्ष 2020 के अंत तक इसे 10 लाख बिस्तर तक बढ़ाने की योजना है।
लिसिंटग में शामिल 12 शहरों में मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम, बैंगलोर, कोलकाता, पुणे, नोएडा, चेन्नई, गाजियाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़ और अहमदाबाद शामिल हैं। हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम तथा प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अगरवाला ने कहा कि जिस तरह से को-वर्किंग की अवधारणा बदल रही है। भारत में पारंपरिक कमर्शियल वर्क स्पेस जिस प्रकार से काम करते हैं, को-लिंिवग पारंपरिक किराए में बदल रहा है। यह परिवर्तन मौजूदा समय में मोबाइल का सबसे ज्यादा उपयोग करने वाले युवा कार्यबल और एक नई सोच के साथ बढ़ते छात्रों से संचालित हो रहा है।
देश की युवा आबादी आवास के विकल्पों में लचीलापन चाहती है जो उन्हें अत्यधिक गतिशील कार्य के वातावरण में जल्दी से स्थानांतरित करने की सुविधा देता है। को-वर्किंग सेगमेंट सुविधाओं के साथ रहने के लिए बहु-आधुनिक जगह और एक समान विचारधारा वाले समुदाय को प्रदान करता है ये सभी चीजें किफायती , कम से कम परेशानी के साथ और आसानी एवं जल्दी से घर स्थानांतरित करने के लचीलेपन के साथ उपलब्ध है प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2023 तक भारत के शीर्ष 9 शहरों में को-लिंविंग बाजार दो लाख करोड़ रुपये का होगा क्योंकि छात्रों और अकेले रहने वाली कामकाजी आबादी के बीच इस तरह के स्थान की मांग बढ़ रही है।
अगरवाला ने कहा कि कोलिविंग के निवेशकों को किराये पर मकान लगाने से अच्छा रिटर्न मिल रहा है। किराये में निवेश पर एक से तीन फीसदी रिटर्न मिलता है जबकि उसी को कोलिविंग में बदलने पर रिटर्न आठ से 11 फीसदी पर पहुंच जाता है।