नई दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचाने और बड़ी-बड़ी कंपनियों को घुटनों पर लाने के बाद रिलायंस जियो नाम से अगले पांच सालों में 4100 पेट्रोल पंप स्थापित करने जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसके लिए ब्रिटेन की कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) के साथ साझेदारी का ऐलान किया है। रिलायंस का यह कदम सरकारी तेल कंपनियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उनकी रिटेल फ्यूल बाजार हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा। यह बात अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाएं देने वाली फर्म मॉर्गन स्टेनली की एक रिसर्च रिपोर्ट में कही गई है।
रिलायंस और बीपी ने पेट्रोल पंप स्थापनों को लेकर चल रहे भागीदारी समझौते योजना को पिछले सप्ताह अंतिम रूप दिया था। इस योजना में ब्रिटिश फर्म की भागीदारी 49 फीसदी होगी। समझौते के तहत रिलायंस के मौजूदा 1400 पेट्रोल पंपों की संख्या को अगले पांच साल में बढ़ाकर 5500 किया जाएगा। यानी अगले पांच साल में 4100 नए पेट्रोल पंपों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा एविएशन फ्यूल स्टेशनों की संख्या 30 से बढ़ाकर 45 की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस-बीपी की ओर से जितने पेट्रोल पंपों की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है वह सरकारी तेल विपणन कंपनियों की ओर से सालाना स्थापित किए जाने वाले पेट्रोल पंपों की संख्या का दोतिहाई के करीब है।
इस कदम से रिलायंस को रिफाइन उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री करने में आसानी होगी और वह रिफाइनरी प्रतिबंधों से आसानी से निपट सकेगी। रिटेल नेटवर्क बढ़ाने के लिए सभी पेट्रोल पंप जियो-बीपी ब्रांड नाम से लगाए जाएंगे। इस कदम से बीपी की इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक और रिलायंस के डिजिटल इकोसिस्टम को भी मदद मिलेगी। रिलायंस-बीपी अपनी इस भागीदारी को 2020 की पहली छमाही तक अंतिम रूप देना चाहते हैं। इस भागीदारी के तहत सुविधा स्टोर और कास्ट्रॉल ल्यूब्रिकेंट्स भी शामिल हैं।