नई दिल्ली। अमेजन इंडिया ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के व्यवसाय विस्तार के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ गठबंधन किया है जिससे इन उद्योगों के विकास में मदद की जा सके। अमेजन इंडिया ने इसी के साथ स्माल बिजनेस डे दूसरा संस्करण 14 दिसंबर को आयोजित करने की घोषणा की है। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इस इस भागीदारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि ई-कामर्स ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) से जुड़ने में एमएसएमई की मदद करने के लिए प्रवेश लागत और बाधाओं को कम कर उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
जीवीसी के समावेशन को भारतीय एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के फायदों को विस्तारित कर शानदार ढंग से बढ़ाया जा सकता है। इस एकीकरण की दिशा में काम करने के लिए सीआईआई और अमेजन पांच शहरों में वर्कशॉप की श्रृंखला शुरू करने पर हम सहमत हुए हैं ताकि लेदर एवं फुटवियर, एपरेल एवं टेक्सटाइल्स, ऑटोमोबाइल, साइकल पार्ट्स और हैंडीक्राफ्ट्स के एमएसएमई क्लस्टर्स को पहचाना जा सके। वर्कशॉप का उद्देश्य ई-कॉमर्स के बारे में जागरुकता फैलाना और इस बात पर फोकस करना है कि एमएसएमई कैसे अपनी कामयाबी, खासतौर से बी2सी निर्यात के लिए ई-कॉमर्स का लाभ उठा सकते हैं।
इस भागीदारी के हिस्से के तौर पर अमेज़न और सीआईआई विभिन्न गतिविधियों का संचालन करेंगे जिनमें जागरुकता वर्कशॉप, रोड शोज, ई-कॉमर्स प्रशिक्षण, आदि पहलें शामिल हैं। यह वर्कशॉप देश भर में संचालित होंगी। अमेज़न इंडिया में सेलर सर्विसेज के उपाध्यक्ष गोपाल पिल्लई ने इस अवसर पर कहा,‘‘आज लगभग 5.5 लाख विक्रेता हमारे मार्केट प्लेस पर बिक्री कर रहे हैं और इनमें से अधिकतर वे छोटे व्यवसाय हैं, जो देश भर में फैले हैं।
यह विक्रेता- ग्राहकों के लिये उच्च गुणवत्ता, असली, अनूठे और देश में निर्मित उत्पादों की पेशकश करते हैं। इस आयोजन में भाग लेने और इन विक्रेताओं की व्यापार वृद्धि तथा सफलता में योगदान देने के लिये हम अधिक से अधिक ग्राहकों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। पिछले वर्ष हमें देश के 99 प्रतिशत से अधिक पिन कोड से ऑर्डर मिले थे और विश्वास है कि इस वर्ष भी ग्राहक बढ़-चढ़कर खरीदारी करेंगे, इन व्यवसायों के प्रति अपना समर्थन जताएंगे।
टीआरआईएफईडी के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने इस मौके पर, ‘‘हम अमेज़न कारीगर के साथ भागीदारी कर प्रसन्न हैं, जो देश भर के आदिवासी शिल्पकारों की अनूठी और उदाहरण योग्य कृतियाँ प्रस्तुत करते हैं। हमने स्मॉल बिजनेस डे 2018 में भाग लिया था और आदिवासी हस्तशिल्प की बिक्री में 1500 प्रतिशत का जबर्दस्त उछाल देखा गया था। टीआरआईएफईडी आदिवासियों को सशक्त करता है, इसलिये हमें विश्वास है कि यह भागीदारी देश के आदिवासी समुदाय के जीवन में बदलाव लाएगी।