मुंबई। देश के विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में नवंबर में मामूली वृद्धि के बावजूद कंपनियों ने कच्चे माल की खरीद घटाने का क्रम जारी रखा और 20 महीने में पहली बार छँटनी की। बाजार अध्ययन एवं विश्लेषण कंपनी आईएचएस मार्किट द्वारा सोमवार को जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है।
इसमें कहा गया कि इस साल अक्टूबर की तुलना में नवंबर में सूचकांक में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यह इस साल के शुरुआती आँकड़ों की तुलना में काफी कम बना हुआ है। अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र का सूचकांक दो साल के निचले स्तर 50.6 पर रहा था जो नवंबर में बढ़कर 51.2 पर पहुँच गया। सूचकांक का 50 से ऊपर होना वृद्धि को और 50 से कम रहना गिरावट को दर्शाता है जबकि इसका 50 रहना स्थिरता का द्योतक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि नवंबर में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में उपभोक्ता उत्पादों का योगदान सबसे अधिक रहा। पूँजीगत वस्तुओं के बाजार में परिचालन की परिस्थितियाँ प्रतिकूल रहीं। नये उत्पाद बाजार में आने से माह दर माह आधार पर विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि जरूर देखी गयी है, लेकिन प्रतिस्पर्द्धी दबाव और अस्थिर बाजार परिस्थितियाँ अब भी दबाव डाल रही हैं।
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा ‘‘नवंबर में विनिर्माण क्षेत्र का विकास स्वागत योग्य है। इसके बावजूद फैक्ट्री ऑर्डर, उत्पादन और निर्यात की वृद्धि दर इस वर्ष की शुरुआत की तुलना में काफी कम है। इसके लिए माँग में कमी मुख्य रूप से जिम्मेदार है। कारोबारी विश्वास के मामले में अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता स्पष्ट है। डेढ़ साल से ज्यादा समय में कंपनियों ने पहली बार छँटनी की। कच्चे माल की खरीद में कटौती भी कंपनियों ने जारी रखी है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में और कमी करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, बिक्री कम रहने के कारण नवंबर में कंपनियों ने नयी भर्ती नहीं की। कई कंपनियों के प्रबंधकों ने बताया कि वे सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की जगह नये कर्मचारियों को नहीं ले रहे हैं। कई अन्य कंपनियों ने कहा कि वे अस्थायी कंपनियों के अनुबंध का नवीकरण नहीं कर रही हैं।