नई दिल्ली। एंप्लायीज प्रॉविडेंड फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफ) अपने अकाउंट होल्डर्स की जीवन बीमा राशि को बढ़ा सकता है। इस बारे में ईपीएफओ में विचार-विमर्श शुरू हो गया है सूत्रों के मुताबिक, अधिकतम बीमा राशि को मौजूदा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने और न्यूनतम बीमा राशि को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने पर विचार किया जा रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य विरजेश उपाध्याय का कहना है कि समय-समय पर ईपीएफओ कई बातों पर विचार-विमर्श करता है।
जरूरी नहीं कि सभी लागू की जाएं। ईपीएफओ को जो हर पहलू से बेहतर लगेगा, उसी पर फैसला किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ का मानना है कि इस समय उसके अकाउंट होल्डर्स की बीमा राशि मौजूदा परिस्थितियों में काफी कम है। इसको बढ़ाने की जरूरत है, मगर यह बढ़ाई जाए कि नहीं या फिर कब बढ़ाई जाए, इस पर फैसला तो सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में लिया जाएगा। अगर कोई ईपीएफओ का अकाउंट होल्डर है तो उसको बीमा कवर मिलता है। बीमा कवर की रकम आपके ईपीएफओ अकाउंट में जमा राशि के आधार पर तय होती है। बीमा की रकम कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी के आधार पर तय होती है। बीमा की रकम तय करते समय क्कस्न अकाउंट में जमा राशि की 50 पर्सेंट राशि को भी शामिल किया जाता है।
एम्प्लॉयी की मौत से पहले 12 महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का औसत निकाला जाएगा। अधिकतम बेसिक सैलरी 15000 की काउंट की जाएगी. इस राशि को 30 से गुना करना है और इसमें पीएफ अकाउंट में जमा राशि का 50प्रतिशत जोड़ा जाएगा. आसान भाषा में समझने के लिए अगर एक कर्मचारी की सैलरी (बेसिक+महंगाई भत्ता) 10 हजार रुपये है तो उसे 10,000&30= 3,00,000 रुपये मिलेंगे, जिसके साथ पीएफ अकाउंट में जमा राशि का 50प्रतिशत पर्सेंट भी मिलेगा. फिलहाल न्यूनतम राशि 2.5 लाख है और अधिकतम 6 लाख रुपये।