29 Mar 2024, 19:59:39 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

ऋणात्मक नेटवर्थ वाली आवासीय परियोजना को भी एआईएफ का लाभ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 7 2019 4:03PM | Updated Date: Nov 7 2019 4:03PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को मंजूर विशेष प्रावधान के तहत बनाने वाले वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) से ऋणात्मक नेटवर्थ वाली परियोजनाओं को भी काम पूरा करने के लिए वित्तीय मदद मिल सकती है, बशर्ते वे अतिरिक्त सिक्युरिटी देकर अपना नेटवर्थ धनात्मक कर लें। विशेष प्रावधान की शर्तों में कहा गया है कि रेरा में पंजीकृत और वर्षों से अटकी पड़ी 1600 से अधिक जिन आवासीय परियोजनाओं की पहचान की गयी है उनमें एआईएफ से उन्हीं को वित्तीय मदद मिलेगी जिनके अधूरे काम का नेटवर्थ धनात्मक हो यानी काम पूरा करने पर आने वाली लगात की तुलना में उससे प्राप्त होने वाली आय ज्यादा हो। यह आय निवेशकों द्वारा बकाया किस्त अदायगी से प्राप्त होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘‘यूनीवार्ता’’ को बताया कि यदि किसी परियोजना का नेटवर्थ ऋणात्मक है, लेकिन बिल्डर अतिरिक्त सिक्यूरिटी देता है तो उस परियोजना को भी बुधवार को घोषित योजना का लाभ मिलेगा।
 
उन्होंने कहा ‘‘उदाहरण के लिए किसी परियोजना का नेटवर्थ ऋणात्मक है, लेकिन बिल्डर के पास कोई और जमीन है जिसे वह परियोजना के लिए सिक्यूरिटी के रूप में रखने के लिए तैयार है। इस प्रकार वह अपनी परियोजना का नेटवर्थ धनात्मक कर सकता है।’’ उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने देश भर में ऐसी 1,600 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की है जिनका काम वर्षों से लंबित पड़ा है। इन परियोजनाओं में चार लाख 58 हजार से ज्यादा मकान हैं जिनके लिए खरीददार आंशिक या पूर्ण भुगतान कर चुके हैं। इनका निर्माण कार्य पूरा करने के लिए केंद्र सरकार एआईएफ में 10 हजार करोड़ रुपये तत्काल डालेगी। साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम कुल 15,000 करोड़ रुपये इस कोष में डालेंगे। 25,000 करोड़ रुपये की यह आरंभिक राशि परियोजनाओं को आवंटित की जायेगी। हर परियोजना के लिए एक एस्कू खाता बनाया जायेगा।
 
बिल्डर जैसे-जैसे निर्माण कार्य पूरा करेगा चरणबद्ध तरीके से उसे राशि का आवंटन किया जायेगा। शर्त यह रखी गयी है कि परियोजना का नेटवर्थ धनात्मक होना चाहिये। सीतारमण ने बताया कि 1600 से अधिक जिन परियोजनाओं की पहचान की गयी है उनके नेटवर्थ की स्थिति की समीक्षा अभी नहीं की गयी है। यह कार्य विशेष प्रावधान के प्रबंधन की जिम्मेदारी सँभालने वाली कंपनी एसबीआई कैपिटल्स करेगी। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त सिक्यूरिटी देकर परियोजना का नेटवर्थ धनात्मक करने के विकल्प के बारे में वाणिज्यिक बैंकों तथा रिजर्व बैंक से बातचीत हो चुकी है। उन्हें निर्देश दिये गये हैं कि वे बिल्डरों को इस विकल्प की अनुमति दें। 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »