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रेलवे की प्रचार ट्रेन चलाने की योजना बॉलीवुड में कामयाब

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 18 2019 2:57PM | Updated Date: Oct 18 2019 2:58PM
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नई दिल्ली। गैर किराया राजस्व बढ़ाने की नीति के प्रचार ट्रेन चलाने की नीति बनाते ही तहत भारतीय रेलवे को बॉलीवुड से तगड़ा रिस्पॉन्स मिला है। हाउसफुल-4 फिल्म के लिए आठ कोच की विशेष प्रोमोशन ट्रेन के बाद रेलवे के पास दस ऐसे ही प्रस्ताव विचाराधीन है। रेलवे के अधिकारियों ने यहां बताया कि हाउसफुल-4 से रेलवे को करीब 53 लाख रुपए की आय हुई है। उन्होंने कहा कि रेलवे के पास दबंग-3, सांड की आंख, छपाक, लंच बॉक्स-2, पैडमैन-2 आदि फिल्मों के साथ ही टेलीविजन के मेगा शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ और ‘कपिल शर्मा शो’ के प्रोमोशन के लिए गाड़यिां चलाने प्रस्ताव विचाराधीन है।
 
अधिकारियों ने बताया कि सात अक्टूबर को नीति की घोषणा के पहले दो माह से इस बारे में बॉलीवुड एवं टीवी के निर्माताओं से बातचीत हुई थी जिन्होंने इस विचार को लेकर खासा उत्साह दिखाया था। इसके बाद कला/संस्कृति/सिनेमा/खेल के आयोजनों के प्रचार के लिए ट्रेनें चलाने की नीति जैसे ही घोषित हुई वैसे ही निर्माता साजिद नडियाडवाला ने हाउसफुल-4 के लिए बुकिंग कर दी और आठ कोच वाली यह ट्रेन मुंबई सेंट्रल से चल कर वडोदरा, रतलाम, कोटा होते हुए गुरुवार दोपहर नई दिल्ली पहुंची। जाने माने अभिनेता अक्षय कुमार सहित पूरी अभिनेता मंडली गाड़ी में सवार होकर नई दिल्ली आयी थी।
 
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार की ट्रेनें चलाने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। आईआरसीटीसी ऐसी ट्रेनों के परिचालन के प्रस्ताव मिलते ही संबंधित जोनल रेलवे से संपर्क कर परिचालन संभाव्यता को लेकर बात करेगी और इस बारे में परिचालन की हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार ऐसी गाड़यिों को फुल टैरिफ रेट के अलावा विनाइल रैंिपग, अनुरक्षण, स्टेशनों पर स्टापेज एवं हॉलेज शुल्क जोड़ कर पूरा खर्च लिया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि बॉलीवुड के उत्साहवर्द्धक रिस्पॉन्स मिलने के बावजूद रेलवे अधिक शुल्क वसूलने के पक्ष में नहीं है। यह योजना केन्द्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं के प्रचार के लिए भी है। सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेलों के प्रचार के भी ट्रेनें चलायीं जाएंगी। इसलिए इसका शुल्क ढांचा एकसमान रखा गया है। इन गाड़यिों में मांग के हिसाब से स्टेशनों पर स्टापेज दिये जाएंगे और उसकी अवधि भी मांग के अनुरूप रखी जाएगी।
 
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