नई दिल्ली। पीएमसी बैंक (PMC Bank) घोटाले में एक बार फिर चौकाने हुआ चौकाने वाला खुलासा। आरबीआई को गलत जानकारी देने का आरोप है। पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने जांच में 21049 खाते फर्जी पाए गए ताकि HDIL को दिए गए लोन को छिपाया जा सके। अधिकतम अकाउंट मृतकों के नाम पर खोले गए। इन खातों को 45 दिनों के अंदर ही क्रिएट कर, डिटेल्स आरबीआई को सौंप दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई को मार्च 2018 में जिन लोन अकाउंट्स की डिटेल्स दी गई उनमें से अधिकतम या तो मृतकों के नाम पर थे या फिर उनके नाम पर थे जो अपने खाते बंद कर चुके थे।
आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के अनुसार आरबीआई को मार्च 2018 में जिन लोन खातों की जानकारी दी गई उनमें से अधिकतम या तो मृतकों के नाम पर थे या फिर उनके नाम पर थे जो अपने एकाउंट बंद कर चुके थे। उत्तम हिन्दू को मिली जानकारी के अनुसार इन खातों को कथित तौर पर 45 दिनों के भीतर खोला गया था और फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को डिटेल्स सौंपी गई। बैंक अकाउंट में दी गई रकम की जानकारी एचडीआईएल और उसकी ग्रुप कंपनियों के दिए गए लोन से काफी कम थी। आरबीआई ने जांच में एचडीआईएल के 44 खातों में 10 खातों से सही पाया है। बाकी बचे खातो की जांच की जा रही है। स्कैम का बैंक के रिजर्व पर काफी बुरा असर पड़ा है।
PMC बैंक पर नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी देने का आरोप है। इस मामले में बैंक के चेयरमैन एस वरयाम सिंह को मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने शनिवार को हिरासत में ले लिया। वहीं बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को मुंबई की एक अदालत ने 12 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जॉय थॉमस ने बताया था कि बैंक द्वारा दिए गए लोन का करीब 73 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक कंपनी हाउिसंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को दिया गया। घोटाला सामने आने पर आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की। बैंक में कोई नया फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुल सकेगा। इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगाई गई थी।