अहमदाबाद। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री परशोत्तम रूपाला ने आज कहा कि गुजरात समेत देश भर में अति वृष्टि से हुए फसली नुकसान के लिए केंद्र सरकार उचित प्रक्रिया के जरिये जरूरी मुआवजा देगी और कुछ स्थानों पर ‘हरे अकाल’ (पानी की अधिकता से खेती को भारी नुकसान) जैसी स्थिति भी है पर औसत से अधिक वर्षा के चलते खरीफ फसलों को कुछ नुकसान के बावजूद रबी सत्र में बेहतर फसल की भी लगभग शत प्रतिशत गारंटी हो जाने का परोक्ष और बड़ा फायदा भी हुआ है।
रूपाला ने आज यहां कारपोरेशन बैंक की अगुवाई में आयोजित बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के ग्राहक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान यूएनआई से कहा कि बरसात की अधिकता या कमी से फसलों के नुकसान को लेकर सरकार की एक तय प्रक्रिया है। इसके तहत राज्य नुकसान का सर्वे कर केंद्र के समक्ष अपनी मांगें रखते हैं और बाद में केंद्र अपने अधिकारियों के जरिये इसका आंकलन कर आवश्कता के अनुरूप मदद देती है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय केवल गुजरात ही नहीं बल्कि सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों से सतत संपर्क में है। हर सप्ताह केंद्रीय कृषि सचिव राज्य के मुख्य या कृषि सचिवों के साथ चर्चा कर स्थिति की जानकारी ले रहें हैं और जैसे ही राज्य सरकारों से कोई प्रस्ताव आयेगा उस पर फौरन ही किसानों के हित में केंद्र सरकार मदद करने के लिए तैयार है। गुजरात में अति वृष्टि के कारण कुछ स्थानों पर वास्तव में हरे अकाल (स्थानीय भाषा में लीलो दुकाल) होने की बात स्वीकार करते हुए रूपाला, जो स्वयं भी गुजरात के हैं, ने कहा कि यह एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग ज्यादा पानी से फसलों के खराब हो जाने पर किया जाता है।
ऐसी स्थिति गुजरात के कुछ इलाको जैसे पोरबंदर का घेड, जूनागढ के वंथली वगैरह में है जहां पानी भरा है और इसके निकलने का रास्ता नहीं है। ऐसे इलाकों को छोड़ कर बाकी क्षेत्रों में फसलों को पूरा नुकसान नहीं हुआ है। रूपाला ने कहा कि इस स्थिति से नुकसान के साथ साथ एक बड़ा फायदा भी है। उन्होंने कहा, ‘अगर अधिक बारिश से ऐसी स्थिति होती है तो रबी फसलों के बेहतर होने की 100 प्रतिशत गारंटी होती है। वह इसका एक तरह का लाभ है और अगर इसकी जगह पानी की कमी से अकाल हो तो कुछ नहीं मिलता। मौजूदा हालात में खरीफ को नुकसान हुआ है पर रबी की 100 प्रतिशत गारंटी हुई है।
इसके अलावा गुजरात में जलाशयों में इतना पानी भरा है जितना पिछले 10 या 15 साल में नहीं था। किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसे में बिना पानी वाले अकाल जैसी घोर हताशा की स्थिति इस बार नहीं है । खरीफ फसलों को नुकसान तो है और सरकार इसके लिए मदद करने वाली है पर इस बात की तसल्ली है कि रबी सत्र के लिए अच्छा होने वाला है। ज्ञातव्य है कि गुजरात में अब तक 141 प्रतिशत से अधिक वर्षा हो चुकी है जो पिछले छह साल में सर्वाधिक है। कई इलाकों में अब तक पानी भरा है। राज्य सरकार ने फसलों के नुकसान का सर्वे कराने की बात कही है।