नई दिल्ली। नीति आयोग ने कहा है कि खादी उत्पादों की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में खादी उद्योग क्षेत्र बनाये जाने की आवश्यकता है। नीति आयोग की स्थायी समिति की सदस्य पारुल कुमार ने मंगलवार का यहां एक कार्यक्रम ‘खादी- स्वतंत्रता एवं सदभावना की संरचना’ में भाग लेते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर खादी उत्पादों की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। इसको पूरा करने के लिए देश को सक्षम बनाना होगा। देश के विभिन्न हिस्सों में स्थानीयता को ध्यान में रखकर खादी उद्योग केंद्र बनाये जाने चाहिए।
इससे एकरुपता स्थापित होगी और वैश्विक मांग को पूरा किया जा सकेगा। उन्होने कहा खादी एक अकेला एक कपड़ा है जिससे किसी भी तरह की एलर्जी नहीं होती और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। भारतीय युवाओं में खादी के फायदों के बारे में जागरुकता पैदा करने की जरुरत है। कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद की सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण उद्योगों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए खादी को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खादी एक कपड़े से अधिक है। यह भारत की सांस्कृतिक प्रतीक है और ग्रामीण स्तर पर यह रोजगार का साधन है।