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कालिंग मोबाइल कंपनियां एआरपीयू बढ़ाने पर दे रही हैं जोर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 29 2019 1:09PM | Updated Date: Sep 29 2019 1:09PM
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नई दिल्ली। देश की दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों में अपनी आय बढ़ाने के लिए गला काट प्रतियोगिता के बीच औसत राजस्व प्रति ग्राहक ‘एआरपीयू’ बढ़ाने पर कंपनियों का विशेष जोर रहता है लेकिन निम्न आय वर्ग को वायस कालिंग का बड़ा बिल भुगतना पड़ता है। एयरटेल और वोडा-आइडिया ने 2जी ग्राहकों के लिए अपने नेटवर्क पर बने रहने के लिए कम से कम 35 रुपए प्रतिमाह के रीचार्ज की नयी शर्त रखी है। एयरटेल के कुल उपभोक्ताओं में ऐसे ग्राहकों की संख्या 65 प्रतिशत तक तो वोडा.आइडिया में 70 प्रतिशत तक है।
 
दोनों कंपनियों की हालांकि सेवा में  4जी उपभोक्ताओं के लिए वायस काल मुफ्त है, लेकिन 2जी उपभोक्ताओं को निम्न आय वर्ग के नाम पर दिए जाने वाले सभी प्लांस के तहत वायस काल के पैसे वसूले जाते हैं। दोनों ही कंपनियों के न्यूनतम 35 रुपए के प्लान एक जैसे हैं। इस प्लान में 26 रुपए का ही टाक टाइम ग्राहक को मिलता है। दोनों कंपनियां इस प्लान में ग्राहक से नौ रुपए विभिन्न मदों में पहले ही काट लेती है।
 
इसका तात्पर्य यह हुआ कि इस सेवा के ग्राहक से प्लान के लिए चुकाए गए मूल्य का एक चौथाई से अधिक सेवा शुरू होने से पहले ही काट लिया जाता है। शेष 26 रुपए का जो टाक टाइम बचता है उसमें भी ग्राहक को वायस कालिंग ढाई पैसा प्रति सेकेंड अथवा डेढ़ रुपए प्रति मिनट की भारी दर चुकानी पड़ती है। इस प्रकार 26 रुपए में ग्राहक को केवल 17 मिनट कुछ सेकेंड का ही टाक टाइम मिलता है। दूसरी तरफ रिलायंस जियो का निम्न आय वर्ग के लिए 49 रुपए का रीचार्ज प्लान है जिसका इस्तेमाल केवल जियो फोन के ग्राहक कर सकते हैं।
 
जियो के सभी प्लांस की तरह 49 रुपए के रीचार्ज प्लान में भी वायस कालिंग फ्री रखी गई है। यही नहीं जियो अपने इस प्लान के साथ एक जीबी डेटा भी देता है। इसकी तुलना में वोडा,आइडिया और एयरटेल अपने 35 रुपए वाले प्लान के तहत ग्राहकों से वायस कालिंग का पैसा भी वसूलती है और डेटा सिर्फ 100 एम बी ही दिया जाता है। रिलायंस जियो के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में औसत वाय कालिंग प्रति ग्राहक प्रति माह 800 मिनट के ऊपर पहुंच गई है।
 
ऐसी स्थिति में जियो का ग्राहक दोनों कंपिनयों की तुलना में 14 रुपए जरूर अधिक दे रहा पर उसे 1200 रुपए तक का शुद्ध फायदा हो रहा है। दूसरी तरफ वोडा.आइडिया और एयटेल अपने न्यूनतम प्लान में डेढ़ रुपए के हिसाब से कांिलग का पैसा वसूल रही हैं। सूत्रों का कहना है कि वोडा.आइडिया और एयरटेल सिर्फ ग्राहक से ही कालिंग का पैसा नहीं वसूली रही हैं बल्कि दोनों कंपनियां इंटरकनेक्ट यूजेज चार्जस (आईयूसी) नियमों की वजह से भी फायदे में हैं।
 
मंहगी काल दरों के कारण इन कंपनियों के ग्राहक दूसरी कंपनी के उपभोक्ता को फोन करने की बजाय मिस काल देते हैं जिससे दूसरी कंपनियों के ग्राहक उन्हें वापस फोन कर सकें। जब दूसरी कंपनियों के ग्राहक वोडा.आइडिया अथवा एयरटेल के ग्राहकों को दोबारा फोन लगाते हैं तो नियम के अनुसार इन कंपनियों को आईयूसी चार्ज मिलता है। आईयूसी चार्ज उस कंपनी का मिलता है जिस कंपनी के नेटवर्क पर फोन आता है।
 
सूत्रों का कहना है की फ्री इनकमिंग और आउटगोइंग कांिलग की वजह से रिलायंस जियो को मिस कालिंग की वजह से करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है जिसका फायदा वोडा-आइडिया और एयरटेल को मिलता है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान एयरटेल को आईयूसी से 250 करोड़ रुपए और आइडिया को 380 करोड़ रुपए की आय हुई जबकि रिलायंस जियो को 720 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा।
 
 
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