नई दिल्ली। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2019 के लिए भारत के विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर को 7.3 से कमकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी ने बुधवार को जारी पुनरीक्षित एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2019 में अपने पूर्व के अनुमान को संशोधित किया है। उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के मद्देनजर के विकास अनुमान में कमी गयी है। उसने कहा कि पहली तिमाही में उपभोग में कम वृद्धि और निवेश नहीं आने से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र प्रभावित हुआ है। एडीबी ने कहा है कि मांग बढ़ने के साथ ही सरकार द्वारा उठाये गये सकारात्मक कदमों से अगले वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में बेहतर वृद्धि देखने को मिल सकती है। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयूकी सवाडा ने कहा कि इस वर्ष भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी और अगले वर्ष सरकार के नीतिगत सुधारों को जारी रखने और आर्थिक बुनियाद को मजबूत बनाये रखने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि कंपनी कर में की गयी कटौती से निजी निवेश बढ़ाने, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित करने और वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। बैंक पुनर्पूंजीकरण, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को मदद और नीतिगत दरों में कमी किये जाने से भी वित्तीय क्षेत्र की स्थिति सुधर रही है। इसके साथ ही किसानों को प्रत्यक्ष आय के जरिये सहयोग, कम आय वाले करदाताओं को कर राहत, ऋण दरों में कमी से ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी मांग बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है। जीएसटी रिफंड में तेजी से लघु एवं छोटे उद्योग को मदद मिलेगी। एडीबी ने हालांकि कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के साथ ही घरेलू स्तर पर विकास बढ़ाने के उपायों से तेजी आने और मांग पर प्रभाव की चुनौती बनी हुयी है। उसने कहा कि भारतीय निर्यात के प्रभावित होने और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने की वजह से चालू खाता के चालू वित्त वर्ष में 2.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इसके 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई के 3.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में इसके 4.0 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है क्यों कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगभग स्थिरता रहेगी।