नईदिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के शुद्ध मुनाफे में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारी गिरावट आयी है और यह पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 540. 63 करोड़ रुपये से घटकर 68. 84 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी की कुल बिक्री पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 15,473 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल 30 जून को समाप्त तिमाही में घटकर 14,645 करोड़ रुपये रह गयी। कंपनी का कहना है कि इस दौरान बाज़ार में काफी उतारझ्रचढ़ाव के चलते इस्पात की माँग में कमी के साथ-साथ शुद्ध विक्रय प्राप्ति में गिरावट रही, जिसका असर सेल समेत पूरे इस्पात उद्योग निष्पादन पर पड़ा है। यही कारण है कि उत्पादन के मोर्चे पर लगातार बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सेल को अपने कारोबार समेत शुद्ध लाभ में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
सेल ने अपने उत्पादन में बढ़ोतरी की गति को बनाये रखते हुए पहली तिमाही के दौरान अब तक की किसी भी तिमाही की तुलना में सर्वाधिक 43.23 लाख टन हॉट मेटल और 36.53 लाख टन बिक्री योग्य इस्पात का उत्पादन किया है। कंपनी ने इस तिमाही के दौरान 32.49 लाख टन बिक्री योग्य इस्पात का विक्रय किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के लगभग बराबर है। सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि घरेलू इस्पात उद्योग को पहली तिमाही के दौरान पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले शुद्ध विक्रय प्राप्ति और माँग में गिरावट का सामना करना पड़ा।
उनका मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की आगामी अवधि के दौरान बुनियादी ढाँचे और निर्माण सहित इस्पात खपत से जुड़े क्षेत्रों में सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में निवेश की घोषणा घरेलू इस्पात उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। सेल का ज़ोर अपना उत्पादन बढ़ाने के साथ ही अपनी आधुनिकीकृत इकाइयों से प्रोडक्ट मिक्स बढ़ाने के साथ-साथ प्रचालन क्षमता में बढ़ोतरी करने पर भी है, जो कंपनी के सकारात्मक भविष्य को एक नयी दिशा देने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण बाज़ार दशाओं के बावजूद सेल पिछली सात तिमाहियों से लाभ दर्ज करना जारी रखे हुए है।