जयपुर। भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी केन्द्र की एलआईसी को पूंजी बाजार में सूचीबद्ध करने के विरोध में कल देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उत्तर क्षेत्र बीमा कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष रामचंद्र शर्मा ने आज बताया कि केंद्र सरकार ने एलआईसी पूंजीबाजार में सूचीबद्ध करने का निर्णय किया है जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सेवा श्रेष्ठता में पहले नम्बर पर शुमार एलआईसी के बराबर विश्व का कोई अन्य सेवा संस्थान नहीं है। 31 लाख करोड़ रुपये की संपदा की मालिक एलआईसी की भुगतान क्षमता अतुलनीय है। एक वर्ष में एलआईसी ने दो लाख 50 हजार 936 करोड़ रुपये के भुगतान बीमाधारकों को किए हैं। इसने एक साल में पांच 60 हजार 784 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसी तरह एलआईसी ने केन्द्र सरकार की प्रतिभूतियों में 18 लाख करोड़ रुपये निवेश किए हैं।
आवास में 54 हजार 285 करोड़ रुपये, ऊर्जा क्षेत्र में 10 हजार 800 करोड़ रुपये सिंचाई में 150 करोड़ रुपये, सड़क में 65 हजार 620 करोड़ रुपये, संचार आदि में 31 हजार 468 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। कुल मिलाकर गत वित्तीय वर्ष 2018-19 तक एलआईसी ने 21.4 लाख करोड़ रुपये देश के ढांचागत विकास में निवेश किए। लेकिन पूंजी बाजार में सूचीबद्ध करते ही इसकी संपदाओं का वास्तविक मूल्य सट्टा बाजार के हवाले हो जाएगा। ये सटोरिये जब चाहे उसकी पूंजी मूल्य घटा देंगे और जब चाहे बढ़ा देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी कॉरपोरेट को खुश करने के लिए केंद्र सरकार बिना सोचे विचारे ताबड़तोड़ ढंग से देश के विकास की रीढ़ को तोड़ने के लिए कुछ भी करने पर उतारू हो गई है। भारतीय जीवन बीमा निगम की विश्वसनीय और अतुलनीय शोधन धन क्षमता आधारभूत निवेशकों के बलबूते पर बनी है, इसे पूंजी बाजार में सूचीबद्ध करने की चाह में सरकार इसे डावांडोल कर रही है जो अब तक शत प्रतिशत पूंजी के साथ भारत सरकार का सबसे सुदृढ़ उपक्रम है। शर्मा ने बताया कि देश के बीमा कर्मचारी सरकार की इस आत्मघाती निर्णय का कड़ा विरोध करेंगे और कल भोजनावकाश के दौरान पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे।