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प्रदर्शनी और निर्यात संवर्धन के लिए बाहर सामान भेजे जाने के संबंध में स्पष्टीकरण

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 23 2019 12:18AM | Updated Date: Jul 23 2019 12:18AM
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नई दिल्ली। भारतीय उत्पादों को विदेशों में प्रदर्शनी के प्रदर्शित करने या निर्यात संवर्धन के लिए बाहर ले जाने के संबंध में वस्तु एवं सेवाकर के तहत प्रक्रियाओं को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदर्शनी और निर्यात संवर्धन के लिए विभिन्न सामानों को भारत से बाहर ले जाया जाता है। इस माल को विदेश में उपभोक्ताओं द्वारा मंजूरी मिलने पर बेचा जाता है। जो माल नहीं बिकता उसे वापस लाया जाता है। रत्न और आभूषण उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के मामले में ऐसा किया जाता है। इन सामान के निर्यातकों को भारत से बाहर माल ले जाते हुए या उनकी बिक्री और उनकी वापसी के संबंध में जीएसटी के तहत प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्टता न होने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ता है। निर्यातकों की सहायता के लिए इन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदर्शनी के लिए कंसाइनमेंट के आधार पर देश के बाहर माल ले जाने की गतिविधि जीएसटी के तहत आपूर्ति नहीं है, क्योंकि उस समय किसी प्रकार की बिक्री का विचार नहीं होता। 
 
भारत के बाहर इस माल के भेजे जाने के समय डिलिवरी चालान साथ होना चाहिए, जो सीजीएसटी नियमों के प्रावधानों के अनुरूप हो। इसमें कहा गया है कि देश से बाहर भेजे जाने वाला इस तरह का माल आपूर्ति नहीं होता। ऐसा माल जीरो-रेटेड आपूर्ति भी नहीं होता। इस लिए आईजीएसटी अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत बॉंड या एलयूटी की आवश्यकता नहीं है।  इस तरह देश के बाहर जो माल ले जाया जाता है, उसके लिए जरूरी है कि माल ले जाए जाने की तारीख से 6 महीने के अंदर माल या तो बेच दिया जाए या वापस ले आया जाए। यदि 6 महीने की अवधि में माल को विदेश में बेचा न गया हो या वापस न लाया गया हो तो माना जाएगा कि आपूर्ति कर दी गई है। इस मामले में माल ले जाए जाने से 6 महीने की अवधि बीतने की तारीख के मद्देनजर प्रेषक को कर इनवाइस जारी करना होगा जो उस माल की मात्रा के संबंध में होगी, जिसे न बेचा गया है और न वापस लाया गया है। 
 
इस तरह की आपूर्तियों के संबंध में रिफंड सहित जीरो-रेटिंग का लाभ नहीं मिलेगा। यदि माल विशेष 6 महीने की अवधि के अंदर पूर्ण या आंशिक तौर पर बेच दिया गया हो, तो बिक्री की तिथि से बेचे गए माल की मात्रा के संबंध में आपूर्ति प्रभावी हो जाएगी। इस मामले में बेचे गए माल की मात्रा के आधार पर प्रेषक को कर इनवाइस जारी करनी होगी। इनवाइस जारी करने के समय से इस तरह की आपूर्तियां जीरो-रेटेड आपूर्ति हो जाएंगी। बहरहाल इन आपूर्तियों के संबंध में रिफंड गैर इस्तेमाल शुदा आईटीसी के रिफंड के तौर पर उपलब्ध होंगी न कि जीएसटी के रिफंड के रूप में। इसमें कहा गया है कि 6 महीने की अवधि के भीतर देश में वापस लाए जाने वाले माल के संबंध में किसी कर इनवाइस को जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
 
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