नई दिल्ली। बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर को एक साल में एक अरब डॉलर (7,000 करोड़) का नुकसान झेलना पड़ा है। अगस्त 2018 से लकर अब तक बैंक के शेयर में 78 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। राणा कपूर ने 2004 में बैंक की स्थापना के बाद अगले 15 सालों में देश के चार बड़े बैंकों में ला खड़ा किया। हालांकि, उसके बाद वह बैड-डेट अकाउंटिंग के कारण विवादों में घिर गया। डॉएचे बैंक ए.जी के पूर्व कर्मचारी रवनीत गिल ने जनवरी में यस बैंक के सीईओ का पद संभाला है और वह कंपनी को संकट के बीच उबारने में लगे हुए हैं।
शेयर में गिरावट- बता दें कि पूर्व सीईओ राणा कपूर के पास बैंक का 10 फीसदी से अधिक शेयर है। ये शेयर उन्होंने बैंक की दो होल्डिंग कंपनियों यस कैपिटल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट के जरिए रखे हैं। पिछले साल उन्होंने अपने शेयर न बेचने का फैसला किया था और अपनी बेटियों को देने का संकल्प लिया था। दूसरी तरफ गिल के जनवरी में कंपनी की जिम्मेदारी संभालने के बाद लोन सेक्शन में यस बैंक के रैपिड ग्रोथ का युग खत्म हो चुका है। बैंक को जरूरत है कि यह नए कैपिटल को जुटाए तब जब इसके शेयर की कीमत दबाव झेल रही है। कपूर के नेतृत्व में बैंक की कुल पूंजी पिछले 10 सालों में 34 फीसदी वार्षिक रहा है।