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देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जाए- आर्थिक सर्वे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 5 2019 1:19AM | Updated Date: Jul 5 2019 1:19AM
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नई दिल्ली। मोदी सरकार यदि मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन और उनकी टीम की सलाह पर आगे बढ़ती है तो यह संभव है कि देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़कर 70 साल हो जाए। गुरुवार को राज्यसभा में पेश आर्थिक सर्वे में ऐसा प्रस्ताव रखा गया है। इसके समर्थन में जर्मनी, अमेरिका, यूके, चीन, जापान सहित कई देशों का उदाहरण भी दिया गया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिला और पुरुषों की जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेंटेंसी) लगातार बढ़ रही है। अन्य देशों के अनुभवों के आधार पर पुरुषों और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र में बढ़ोतरी पर विचार किया जा सकता है। यह पेंशन सिस्टम में व्यावहारिकता बढ़ाने की कुंजी है और यह महिला श्रम बल के पुराने आयु समूह में पेंशन की भागीदारी को बढ़ाएगा। रिटायरमेंट उम्र में वृद्धि अनिवार्य है, इसलिए इस परिवर्तन का एडवांस में संकेत देना आवश्यक है। इससे पेंशन और अन्य रिटायरमेंट प्रावधानों की अग्रिम योजना में मदद मिलेगी।  सर्वे में कहा गया है कि कई विकसित देशों, जैसे कनाडा, जर्मनी, यू.के. और अमेरिका ने प्री-सेट टाइमलाइन के अनुसार रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाते रहने के संकेत दिए हैं। उदाहरण के लिए यूके में 2020 तक राज्य पेंशन उम्र पुरुषों और महिलाओं के लिए 66 वर्ष हो जाएगी। आगे यूके सरकार 26-28 में 67 और 2044-46 में 68 वर्ष करने की योजना बना रही है। 
 
जनसंख्या वृद्धि दर में होगी गिरावट
आर्थिक समीक्षा में भारत की जनसंख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट होगी। जनसंख्या वृद्धि दर 2021-31 के दौरान एक प्रतिशत से कम और 2031-41 के दौरान 0.5 प्रतिशत से नीचे रहेगी। समीक्षा के अनुसार , पूरे देश के लिए युवा आबादी का लाभ मिलेगा , लेकिन कुछ राज्य 2030 तक बुजुर्ग आबादी की ओर बढ़ाना शुरू कर देंगे। जनसंख्या में 0-19 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत से घटकर 2041 में 25 प्रतिशत रह जाएगी।  दूसरी ओर आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामकाजी आबादी 2021-31 के बीच 97 लाख प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच 42 लाख प्रति वर्ष की रफ्तार से बढ़ेगी। अगले दो दशकों में देश में जनसंख्या और लोगों की आयु संरचना के पूर्वानुमान नीति - निर्धारकों के लिए स्वास्थ्य सेवा, वृद्धों की देखभाल, स्कूल सुविधाओं, सेवानिवृत्ति से संबंध वित्तीय सेवाएं, पेंशन कोष, आयकर राजस्व, श्रम बल, श्रमिकों की हिस्सेदारी की दर ौर सेवानिवृत्ति की आयु जैसे मुद्दों से जुड़ी नीतियां बनाना एक बड़ा काम होगा।
 
ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मानित करने व छूट देने का सुझाव
ईमानदार करदाताओं को राजनयिकों के जैसा सम्मान या फिर उनके नाम पर किसी सड़क का नामकरण हो तो कैसा होगा? आर्थिक सर्वे में देश के ईमानदार टैक्स चुकानेवालों को सम्मानित करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। देश में अधिक से अधिक लोगों को टैक्स चुकाने की आदत को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कुछ कदम उठाने की सिफारिश आर्थिक सर्वे में दिया गया है। आर्थिक सर्वे में दिए सुझाव के अनुसार, 'आम तौर पर यह देखा गया है कि नागरिक अपने सोशल स्टेट्स को दिखाने के लिए बहुत महंगी चीजों की खरीदारी करते हैं। इसे ही देखते हुए हर शहर के 10 सबसे अधिक टैक्स चुकानेवालों को सम्मानित किया जा सकता है।' इसके लिए कुछ खास सुझाव भी दिए गए हैं जैसे... 
सर्वे में दिए गए कुछ खास सुझाव 
 
ईमानदार टैक्स चुकानेवालों को एयरपोर्ट पर बोर्डिंग के दौरान कुछ खास सुविधाएं दी जा सकती हैं। सड़कों पर फर्स्ट लेन में चलने की सुविधा या रोड और टोल बूथ पर ऐसी कुछ विशेष छूट और इतना ही नहीं राजनयिकों की तरह इमिग्रेशन काउंटर पर विशेष लाइन में खड़े होने की छूट जैसे सुझाव दिए गए हैं। 
सर्वे में सुझाव दिया गया है कि एक दशक में सर्वाधिक टैक्स देनेवाले करदाता के नाम पर किसी महत्वपूर्ण बिल्डिंग, स्मारक, सड़क, ट्रेन अस्पताल, यूनिवर्सिटी या एयरपोर्ट का नामकरण किया जा सकता है। 
इसी तरह से ईमानदार और बड़ी मात्रा में टैक्स चुकानेवालों के लिए खास क्लब बनाने का सुझाव भी दिया गया है। आर्थिक सर्वे में सुझाव दिया गया है कि इस तरह के क्लब की सदस्यता कुछ खास लोगों को ही दी जाएगी। इस तरह के कदम से समाज में यह संदेश जाएगा कि ईमानदारी से टैक्स चुकानेवाले समाज में बहुत सम्मानित होते हैं। 
बता दें कि पूर्व में भी ऐसी खबर आई थी कि सरकार ईमानदारी से कर चुकानेवालों को सम्मानित करने के लिए कुछ खास कदम उठा सकती है। इसके लिए ऐसे करदाताओं को इंसेंटिव प्रोग्राम के जरिए कुछ खास रिवॉर्ड दिया जाए। बता दें कि इसके लिए पिछले साल सेंट्रल बोर्ड आॅफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के तहत कमिटी भी गठित की गई थी।
 
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