नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन आज संसद में 2018 -19 का आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला आर्थिक सर्वे होगा। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। अक्सर देश का आर्थिक सर्वे आम बजट के लिए नीति दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करता है। इस आर्थिक सर्वे में सरकार चालू कारोबारी साल 2019 -20 के लिए जीडीपी में 7 फीसदी विकास दर का अनुमान पेश कर सकती है, जो पिछले साल से ज़्यादा है।
सर्वे में इस दौरान निवेश और खपत में बढोत्तरी की उम्मीद जताई गई है। सर्वे में मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आ सकती है। जानकारी के मुताबिक़, सर्वे में चालू कारोबारी साल (2019 -20) के दौरान देश की आर्थिक विकास दर 7% रहने की उम्मीद जताई गई है। सर्वे के मुताबिक 31 मार्च को ख़त्म हुए कारोबारी साल (2018 - 19) में आर्थिक विकास दर 6.8 % जबकि 2017-18 के दौरान 7.2% रही थी। दरअसल, वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार आर्थिक सर्वे को तैयार करते हैं।
इस बार आर्थिक सर्वे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने तैयार किया है। एक तरह से आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड होता है। साथ ही इसमें अगले वित्तवर्ष के नीतिगत फैसलों के संकेत भी छिपे होते हैं। आर्थिक सर्वे को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वित्त मंत्रालय का सबसे प्रमाणिक और संग्रहणीय दस्तावेज माना जाता है। दरअसल पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के पद छोड़ने के बाद पिछले साल दिसंबर में केवी सुब्रमण्यन को इस पद पर नियुक्त किया गया।
बता दें, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल संसद में पेश करेंगी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार मोदी सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में कई जरूरी सेक्टर्स पर फोकस रहेगा। खासकर कृषि, नौकरी और निवेश एजेंडे में होगा। वैसे भी आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था, फिस्कल डेवलपमेंट, मॉनेटरी मैनेजमेंट, कृषि, निर्यात, उद्योग, इंफ्रास्टक्चर, सेवा क्षेत्र, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर फोकस रहता है।