मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने वित्तीय संकट के कारण 17 अप्रैल से परिचालन बंद कर चुकी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की समाधान प्रक्रिया शुरू करते हुये 05 जुलाई को इस पर पहली प्रगति रिपोर्ट मांगी है। जेट एयरवेज ने रविवार को शेयर बाजार को बताया कि एनसीएलटी ने आशिष छावछरिया को अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है और कहा है कि हालाँकि दिवालिया कानून के तहत समाधान प्रक्रिया पूरी करने के लिए 180 से 270 दिन का समय मिलता है, लेकिन ‘‘आईआरपी द्वारा इस बात का पूरा प्रयास किया जाना चाहिये कि इस मामले को फास्टट्रैक किया जाये और प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाये।’’
प्राधिकरण ने हर पखवाड़े जेट एयरवेज पर प्रगति रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 05 जुलाई की तारीख तय की गयी है और उसी दिन पहली रिपोर्ट भी जमा कराने का आदेश दिया गया है। उसने कहा कि इस मामले में एक दिन भी जाया नहीं किया जाना चाहिये क्योंकि यह ‘‘राष्ट्रीय महत्त्व का मुद्दा’’ है और ऋण लेने वाली कंपनी देश की बड़ी निजी विमान सेवा कंपनियों में एक है। बीस हजार से ज्यादा कर्मचारियों, बड़ी संख्या में उड़ानों और महत्त्वपूर्ण सेक्टरों पर अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू उड़ानें प्रभावित हो रही हैं।
आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, जेट एयरवेज पर 15 मई 2019 तक 967.60 करोड़ रुपये की देनदारी थी जिसमें 505.21 करोड़ रुपये की उसे नकद ऋण सुविधा उपलब्ध थी। इस प्रकार उसने नकद ऋण सुविधा से 462.39 करोड़ रुपये ज्यादा इस्तेमाल किया और 15 जून 2019 तक इसका भुगतान नहीं कर पाने के कारण एनसीएलटी में समाधान प्रक्रिया शुरू की गई।