नई दिल्ली। सरकारी कंपनी एचएलल लाइफकेयर, टीटीके प्रोटेक्टिव डिवाइसेज लिमिटेड और अन्य कॉन्डम मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) जल्द कार्रवाई कर सकता है। सीआईआई की एक जांच में कॉन्डम बनाने वाली 11 कंपनियों पर आपस में मिलीभगत कर 2010 से 2014 के बीच बोली लगाने में फर्जीवाड़ा कर सरकार से अधिक रकम लेने का शक है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, 'इन कंपनियों में डायरेक्टर, सीईओ और ऑपरेशनल हेड के लेवल पर कीमतों को पहले से तय करने के लिए बातचीत हो रही थी।' सीसीआई की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने पाया है कि 11 कंपनियों ने कॉन्डम खरीदने के सरकारी टेंडर में मिलीभगत कर बिना प्रतिस्पर्धा के बोली लगाई।
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसारअधिकारी ने कहा, 'यह बोली लगाने में गड़बड़ी का मामला है। इन कंपनियों ने मिलीभगत करने के बाद ऊंची बिड दी थी। अधिकतर बोलियां सबसे कम बोली की रेंज से 50 पैसे के अंदर थीं।' उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में अक्सर सरकार सबसे निचली बिड के करीब ऑफर देने वाले मैन्युफैक्चरर्स को विजयी बिड का मिलान करने को कहती है, जिससे उन्हें भी टेंडर में ऑर्डर मिल सकें।