इंटरनेट डेस्क। जेट एयरवेज की उड़ान भरने की उम्मीद अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और इसके कारण उसके कर्मचारियों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। बैंकों ने एतिहाद और हिंदुजा समूह की एयरलाइन को खरीदने के लिए कड़ी शर्तों को खारिज करते ही उसकी उड़ान भरने की उम्मीद खत्म हो गई है।
विदेश में रहकर स्वदेश में पैसे भेजने में भारतीय सबसे आगे बैंकों ने जेट के लिए नया निवेशक खोजने के लिए जमकर प्रयास किया है, लेकिन कोई विकल्प नहीं मिलने पर यह फैसला करना पड़ रहा है।
एतिहाद और हिंदुजा समूह ने एयरलाइन में निवेश के बदले मांग की थी कि बैंक अपना 95 प्रतिशत और परिचालन से जुड़े कर्जदाता 69 प्रतिशत कर्ज माफ करने की शर्म रखी थी। फोर्ब्स: टॉप 100 में नहीं मिली किसी भी भारतीय कंपनी को जगह जेट एयरवेज पर 8500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने से 17 अप्रैल से इसका परिचालन बंद कर दिया गया था।
बैंकों के समूह ने जेट के चेयरमैन नरेश गोयल के पद छोड़ने के बाद एयरलाइन की 50 फीसदी से ज्यादा के शेयर खुद लिए थे और नए निवेशक की तलाश शुरू करी थी। मोदी सरकार के इस फैसले से होगा करोड़ों कर्मचारियों को फायदा