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एनबीएफसी, एनपीए और लघु बचत योजना पर सुझाव

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 13 2019 8:41PM | Updated Date: Jun 13 2019 8:41PM
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नई दिल्ली। वित्तीय क्षेत्र एवं पूँजी बाजार के प्रतिनिधियों ने वर्ष 2019-20 के बजट में बैंको की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों  के लिए किये जाने वाले प्रावधानों की समीक्षा हेतु समिति बनाने, गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों  के लिए अलग से विशेष तरलता विंडो शुरू करने और लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा करने के सुझाव दिये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुरुवार को बजट पूर्व परिचर्चा में इन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये। उन्होंने भारतीय बाजार को गति प्रदान करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय बैंकों में पूँजी निवेश करने, वित्तीय क्षेत्र विकास परिषद की भूमिका बढ़ाने, गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे एनबीएफसी क्षेत्र के लिए सॉल्वेंसी, गवर्नेंस और तरलता के बीच अंतर को समझने के साथ ही इसके लिए एक विशेष तरलता विंडो शुरू करने के सुझाव दिये।

इसके साथ ही बैंकों के एनपीए प्रावधानों की समीक्षा के लिए समिति बनाने, सरकारी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करने, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम को गति देने, कृषि विपणन को प्रोत्साहित करने, ऋण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की स्थापना करने, ऑडिट और क्रेडिट रेंटिंग में घरेलू स्तर पर क्षमता निर्माण करने, एमएसएमई के लिए ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस की व्यवस्था करने, पूँजी बाजार में प्रतिभूति लेनदेन कर जैसे विभिन्न करों को तर्कसंगत बनाने तथा बॉन्ड के लिए अलग से एक्सचेंज शुरू करने की सिफारिश की गयी। इस बैठक में वित्त राज्­य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव सुभाष सी. गर्ग, व्­यय सचिव गिरीश चन्­द्र मुर्मू, राजस्­व सचिव  अजय नारायण पांडे, वित्तीय सेवाओं मामलों के सचिव राजीव कुमार, दीपम सचिव अतनू चक्रवर्ती, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्­यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी, केन्द्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष पी.के. दास तथा मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम् और वित्त मंत्रालय के वरिष्­ठ अधिकारी मौजूद थे। वित्तीय एवं पूँजी बाजार के प्रतिनिधियों में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन, स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार, पंजाब नेशनल बैंक एवं भारतीय बैंक संघ के अध्यक्ष सुनील मेहता, भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रबंध निदेशक टी.सी. सुशील कुमार, एक्सिस बैंक के कार्यकारी निदेशक राजीव आंनद, सिटी बैंक इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशु खुल्लर, एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ आदि शामिल थे। 

 
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