नई दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात प्रतिशत से लेकर 7.4 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताते हुये सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 तक 10 फीसदी विकास दर हासिल करने के लिए अगले पाँच वर्षा में 5.74 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।
सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने यहाँ संवाददाताओं से कहा कि भारत को 10 फीसदी विकास दर के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ाना चाहिये जिसमें विकास, रोजगार, व्यापार और स्थायित्व प्रमुखता से शामिल हों। उन्होंने कहा कि उपभोग में तेजी, निवेश और निर्यात में बढ़ोतरी करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेजी लायी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात से 7.4 प्रतिशत के बीच रह सकती है। पिछले वित्त वर्ष में इसके 6.8 प्रतिशत रहने के कारकों का उल्लेख करते हुये कहा कि उपभोग, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोग में कमी और औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती से आर्थिक गतिविधियाँ मंद पड़ी हैं।
जीडीपी में वृद्धि के लिए स्थायी वृहद आर्थिक नीतियाँ और ढाँचागत सुधार में तेजी लाने, घरेलू निवेश बढ़ाये जाने और बैंकों के पुन:पूँजीकरण किये जाने की आवश्यकता बताते हुये उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में तेजी आने की संभावना है।
किर्लोस्कर ने कहा कि 10 फीसदी विकास दर हासिल करने पर विचार करने का यह सही समय है क्योंकि केन्द्र में प्रचंड बहुमत की नयी सरकार है और नये मंत्रियों ने भी काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को उद्योग के साथ विचार-विमर्श करना चाहिये और दहाई अंकों की विकास दर हासिल करने के लिए नीतियाँ बनायी जानी चाहिए।