नई दिल्ली। बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की पर्याप्त उपलब्धता तथा स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से विस्तृत आपूर्ति के कारण मई महीने में बिजली की औसत हाजिर कीमत 3.50 रुपए प्रति यूनिट के पार जाने की आशंका नहीं है। विशेषज्ञों ने यह कहा है। उद्योग के एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘1,78,000 मेगावाट की उच्च मांग के बाद भी मई के दौरान बिजली की औसत हाजिर कीमत 3.50 रुपए प्रति यूनिट से अधिक होने की आशंका नहीं है। इसका कारण मुख्यत: पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और पनबिजली जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से बेहतर आपूर्ति तथा बिजली उत्पादन के लिए संयंत्रों के पास कोयले की पर्याप्त उपलब्धता है।’
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण देश के 127 तापीय बिजली संयंत्रों की निगरानी करता है। प्राधिकरण के अनुसार इनमें से से सिर्फ दो संयंत्रों के पास कोयला भंडार की स्थिति बेहद गंभीर और एक के पास गंभीर है। बेहद गंभीर स्थिति तब होती है जब उपलब्ध कोयला भंडार चार दिन के उत्पादन की आवश्यकता से कम हो। वहीं एक सप्ताह के उत्पादन के लिए आवश्यक कोयले से कम भंडार की स्थिति को गंभीर माना जाता है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के निदेशक राजेश के. मेदीरत्ता ने कहा कि 10 मई 2019 तक बिजली की औसत हाजिर कीमत 3.30 रुपए प्रति यूनिट रही है जो मई 2018 के 4.67 रुपए प्रति यूनिट की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा कि इस महीने 1,78,000 मेगावाट की उच्च मांग गर्मी के मौसम के कारण रही है। इससे पहले 1,78,000 मेगावाट की उच्च मांग सितंबर 2018 में दर्ज की गई थी।