नई दिल्ली। खुदरा व्यापारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने हवाई किराये में अत्यधिक बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त करते हुये सरकार से हस्तक्षेप की माँग की है। नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु को गुरुवार को भेजे गये एक ज्ञापन में कैट ने कहा कि निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के वित्तीय संकट के कारण ‘अस्थायी तौर पर’ बंद होने के बाद से विभिन्न एयरलाइंस ने अपने हवाई किराये में अत्यधिक वृद्धि की है जो किफायती मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के खिलाफ है।
वे गतिशील मूल्य नीति के बहाने अनुचित किराया ले रही हैं। इससे हवाई यात्रा करने वाले व्यापारियों एवं सामान्य वर्ग के लोगों को बेहद परेशानी हो रही है। ज्ञापन में कैट ने हवाई किरायों पर नियंत्रण रखने के लिए एक मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया है जो एयरलाइंस द्वारा लगाये जाने वाले किराये की ऊपरी सीमा पर नियंत्रण रखे। उसने कहा कि मनमाना और अत्यधिक मूल्य वृद्धि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कैट ने आरोप लगाया है कि जेट एयरवेज के बंद होने के बाद, अन्य एयरलाइंस माँग का अनुचित लाभ उठा रही हैं और अपने हवाई किरायों को अनैतिक रूप से बढ़ा रही हैं।
बजट एयरलाइंस भी कीमतें बढ़ाने में आगे हैं। कैट ने कहा कि व्यापार और व्यापारिक समुदाय द्वारा की जाने वाली अधिकांश यात्रा की योजना पहले से नहीं होती है। वे अंतिम मिनटों में बुकिंग कराते हैं। वर्तमान परिदृश्य में, अंतिम मिनट के स्पॉट किराये में दिल्ली-मुंबई सेक्टर या दिल्ली-चेन्नई सेक्टर के लिए एक तरफ का हवाई किराया 20,000 रुपए पर पहुंच गया है। इस तरह के हवाई किराये छोटे व्यापारी या भारत के किसी भी आम नागरिक के लिए बेहद अनुचित है।